तमुरिया से सरायगढ़ तक रेलखंड का सीआरएस निरीक्षण मई में संभावित : महाप्रबंधक
मधुबनी। पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर जोन महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी शनिवार को करीब साढ़े च
मधुबनी। पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर जोन महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी शनिवार को करीब साढ़े चार बजे झंझारपुर जंक्शन पहुंचे। वे सहरसा से अपने स्पेशल सैलून से विभिन्न स्टेशनों एवं आमान परिवर्तन के नई रेल लाईन का निरीक्षण करते झंझारपुर पहुंचे थे। झंझारपुर में उन्होनें कहा कि दरभंगा-सहरसा रेल खंड में तमुरिया से आगे सरायगढ़ का सीआरएस निरीक्षण मई में संभावित होगा और उम्मीद है कि 15 जून तक इस रूट पर सवारी गाड़ियां दौड़ने लगेगी। महाप्रबंधक ने कहा कि इस पथ पर सहरसा, सुपौल एवं सरायगढ़ होते हुए उनकी यह पहली यात्रा न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि यह कोशी अंचल एवं मिथिला अंचल को जोड़ने का एक बड़ा प्रयास है। कहा कि 1934 के भूकंप में रेल लाईन एवं पुलों के ध्वस्त होने के बाद इस रूट पर गाड़ी चलाना बड़ी चुनौती थी। वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने रेल महासेतु की नींव रखी थी। महाप्रबंधक ने साफ शब्दों में कहा कि बाद के वर्षों में 2004 से लेकर 2014 तक इस पथ पर पूरी गति से काम नहीं हुआ। बाद में नरेंद्र मोदी के शासनकाल में तेज गति से इस पथ पर काम हुआ जिसका परिणाम हुआ कि प्रधानमंत्री ने 18 सितंबर 2020 को निर्मली रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित कर दिया। कहा कि सभी स्टेशन को सौंदर्यीकरण करने का निर्देश दिया गया है। कहा कि दरभंगा-सहरसा रेलखंड पर विद्युतीकरण और सिग्नल सिस्टम पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। झंझारपुर से दरभंगा तक नई ट्रेन चलाने के सवाल पर महाप्रबंधक ने कहा कि कोविड-19 का वैक्सीनेशन अभी देश में मात्र दो से तीन प्रतिशत हुआ है। वैक्सीनेशन का प्रतिशत बढ़ने पर ही इस पर रेल विभाग विचार करेगा। उन्होनें इस पथ की महत्ता गिनाते हुए कहा कि आने वाले दिनों में इस पथ से नेपाल, म्यामार, बंगलादेश में खाद्यान की ढुलाई आसान हो जाएगी। महाप्रबंधक करीब 45 मिनट झंझारपुर में रूके और उसके बाद दरभंगा की ओर चले गए। उनके साथ मंडल रेल प्रबंधक अशोक महेश्वरी, सीएओ डीएन गुप्ता, पीसीओएम सलिल कुमार झा, पीसीसीएम एसके शर्मा, पीसीईई बीके सिंह, स्टेशन अधीक्षक मदन किशोर झा, शैलेंद्र कुमार, हरीश कुमार सिंह सहित अन्य थे। टिकट काउंटर एवं स्टेशन ईंचार्ज के रूप में महिला कर्मी व अधिकारी को लगाया गया था।