सावन में पेड़ा, चूड़ा व मकुनदाना के तीन करोड़ के कारोबार का अनुमान
सावन शुरू होने कुछ दिन शेष रहने से प्रसाद में पेड़ा चूड़ा व मकुनदाना व्यवसायियों में उत्साह देखा जा रहा है। इस साल सावन में जिले के विभिन्न शिवालयों के आसपास पेड़ा चूड़ा व मकुनदाना के करीब तीन करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। सावन को लेकर इसके कारोबारियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

मधुबनी । सावन शुरू होने कुछ दिन शेष रहने से प्रसाद में पेड़ा, चूड़ा व मकुनदाना व्यवसायियों में उत्साह देखा जा रहा है। इस साल सावन में जिले के विभिन्न शिवालयों के आसपास पेड़ा, चूड़ा व मकुनदाना के करीब तीन करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। सावन को लेकर इसके कारोबारियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि सावन में जिलेभर के शिवालयों के आसपास प्रसाद विक्रेताओं द्वारा चूड़ा व मकुनदाना की खरीदारी जिले के बाहर से करते हैं। जबकि, पेड़ा का उत्पादन स्वयं करते हैं। जिले के कपिलेश्वर नाथ शिवालय के आसपास करीब एक दर्जन प्रसाद दुकानदारों द्वारा इस साल बड़े पैमाने पर पेड़ा के लिए इलाके के पशुपालकों को दूध का आर्डर देना शुरू कर दिया है। पेड़ा के एक विक्रेता मोहन कुमार ने बताया इस साल कोरोना की पाबंदी नहीं होने से जिलेभर से बड़ी संख्या में कपिलेश्वर नाथ शिवालय कांवरियों को पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। जिससे पेड़ा, चूड़ा व मकुनदाना की बड़े पैमाने पर मांग रहेगी। उन्होंने बताया कि सिर्फ कपिलेश्वर स्थान शिवालय परिसर में एक दर्जन दुकानदारों द्वारा पूरे सावन माह में 60 से 70 लाख रुपये तक पेड़ा, चूड़ा व मकुनदाना के कारोबार की उम्मीद है।
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पेड़ा के लिए पशुपालकों व डेयरी को दूध मिला दूध का ऑर्डर :
पंडौल प्रखंड के उग्रनाथ शिवालय स्थित प्रसाद के एक दुकानदार नरेश कुमार ने बताया कि इस बार अधिक कांवरियों को आने की संभावना से पेड़ा, चुरा व मकुनदाना की जमकर बिक्री का अनुमान है। पेड़ा के लिए इलाके के पशुपालकों व डेयरी को दूध का ऑर्डर दिया जा चुका है। इसके अलावा सुधा व अमृत दूध का भी पेड़ा बनाए जाएंगे। इधर, राजनगर प्रखंड के पेड़ा चौक स्थित पेड़ा के एक दर्जन दुकानदारों को पेड़ा के लिए अभी से ऑर्डर आना शुरू हो गया है। यहां का प्रसिद्ध पेड़ा का सावन में जिले में कपिलेश्वर नाथ, विदेश्वरनाथ, उग्रनाथ, जटेशनाथ, एकादशरुद्र सहित अन्य शिवालयों स्थित प्रसाद दुकानों पर मांग बनी रहती है। इधर, सावन पर सुधा डेयरी द्वारा भी जिले में बड़े पैमाने पर पेड़ा की आपूर्ति की तैयारी की गई है।
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मुक्तेश्वर शिवालय में जलाभिषेक को बड़ी संख्या में पहुंचते कांवरिया :
सावन की हर सोमवारी पर जिले के अंधराठाढी के देवहार स्थित मुक्तेश्वर शिवालय में जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में कांवरिया पहुंचते हैं। कोसी, कमला सहित अन्य पवित्र नदियों से जल लेकर यहां कांवरियों की सुविधाओं के लिए शिवालय समिति द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। बता दें कि करीब डेढ़ हजार वर्ष प्राचीन मुक्तेश्वर शिवालय के दुर्लभ शिवलिग पर सदियों से जलाभिषेक किया जा रहा है। करीब दस एकड में फैले मुक्तेश्वर स्थान परिसर से समय-समय पर प्राचीन मूर्तियां एवं पुरावशेष प्राप्त होते रहे हैं। जिनमें गुप्तोत्तर कालीन भगवान विष्णु एवं गणेश, पालकालीन सद्योजात, कर्णाटकालीन महिषासुरमर्दिनी एवं विष्णु प्रतिमा की पादपीठ के अलावा गणेश की भग्न कुल्हारी, सूर्य आदि प्रमुख हैं।
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