सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार ने किया पैक्स का निरीक्षण, धान अधिप्राप्ति पर जताया संतोष
मधुबनी। पंडौल प्रखंड में पैक्सों के माध्यम से धान अधिप्राप्ति लक्ष्य के अनुरूप हुई है। शुक्रवार को

मधुबनी। पंडौल प्रखंड में पैक्सों के माध्यम से धान अधिप्राप्ति लक्ष्य के अनुरूप हुई है। शुक्रवार को सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार वीरेंद्र ठाकुर, जिला सहकारिता ऑडिटर चंद्र मोहन व प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दहिवत माधोपुर पश्चिमी पंचायत के पैक्स भवन सह कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पंचायत के बिरसायर स्थित पैक्स भवन पर किए जा रहे धान अधिप्राप्ति का जायजा लिया। साथ ही धान अधिप्राप्ति व पंचायत पैक्स संबंधित आवश्यक पूछताछ और जांच की। जांचोपरांत उन्होंने बताया कि दहिवत माधोपुर पश्चिमी पैक्स द्वारा अब तक 835 क्विटल धान की अधिप्राप्ति की गई है, जो संतोषजनक है। उक्त परिसर में एक राइस मिल का होना भी आवश्यक है, ताकि किसानों को और पेक्सों को सहूलियत हो। इसलिए वे विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव देंगे। कहा कि प्रखंड के अन्य पैक्सो में भी धान अधिप्राप्ति की गई है। जबकि, प्रखंड के कुल 26 में से नौ पंचायतों में पैक्स चुनाव भी होने हैं। उक्त पंचायतों के मतदाता सूची का दावा आपत्ति का समय सीमा भी बीत चुका है। किसान 10 जनवरी तक व्यापार मंडल के किराए केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचकर रसीद प्राप्त कर सकते हैं। रसीद प्राप्त करने के 48 घंटे के भीतर राशि उनके खाते पर दे दी जा रही है। उक्त अवधि के बाद भी पैक्सों में धान अधिप्राप्ति की जाएगी। जांच के दौरान पैक्स अध्यक्ष सह प्रखंड प्रमुख आशा देवी, पूर्व पैक्स अध्यक्ष हीरालाल दास, बीसीओ जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे। धान अधिप्राप्ति को विशेष अभियान महज कागजी मधुबनी। धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकारी स्तर पर राज्य भर में नौ जनवरी तक विशेष अभियान के दूसरे दिन शुक्रवार को जिले में कोई खास असर नहीं देखा गया। बता दें कि इस अभियान के तहत किसान सलाहकारों द्वारा जिले के प्रत्येक गांव में शिविर का आयोजन कर किसानों को धान बेचने के लिए प्रेरित करना है। इस संदर्भ में जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि जिले के कृषि सलाहकारों द्वारा विभिन्न गांव के धान बिक्री करने वाले किसानों की सूची बनाकर जिला सहकारिता विभाग को सौंप दी गई है। धान की खरीदारी जिला सहकारिता विभाग को करना है। इधर, रहिका सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष ब्रह्मानंद यादव ने बताया कि विभागीय स्तर पर चलाया जा रहा विशेष अभियान महज कागजी साबित हो रहा है। किसानों की सूची बनाने की खानापूरी की जा रही है। वहीं, एक किसान मिट्ठू कामत ने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लिए कोई विशेष पहल नहीं देखी जा रही है।
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