Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Election 2025: खजौली में जन सुराज बनी 'गेमचेंजर', NDA-महागठबंधन की नींद उड़ी!

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 02:48 PM (IST)

    जयनगर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, खजौली विधानसभा क्षेत्र में बिहार चुनाव 2025 के दूसरे चरण में मतदान होना है। एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी मैदान में हैं। मुकाबला कड़ा है, और हार-जीत का फैसला जन सुराज पार्टी पर निर्भर माना जा रहा है। सभी दलों की नजरें पिछड़ा, दलित और युवा वोटरों पर टिकी हैं। मतदाताओं में बदलाव की लहर है और वे विकास चाहते हैं।

    Hero Image

    खजौली में जन सुराज बनी गेमचेंजर'

    जागरण संवाददाता, जयनगर (मधुबनी)। बिहार विधानसभा चुनाव(Bihar Election 2025) के दूसरे चरण में 11 नवंबर को खजौली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होना है। कुल आठ प्रत्याशियों में पांच दल और तीन निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में जन संपर्क अभियान चला रही है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तीन प्रमुख दलों में एनडीए समर्थित भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान विधायक अरूण शंकर प्रसाद, महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी ब्रज किशोर यादव एवं विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी मुखिया रूपम कुमारी पूरी ताकत झोंक दिया है। 

    हार-जीत का फैसला जन सुराज निर्भर

    लेकिन खजौली विधानसभा क्षेत्र में कोई एक दल जीत का दावा नहीं कर सकता है। खजौली विधानसभा क्षेत्र में हार-जीत का फैसला जन सुराज पार्टी को माना जा रहा है। वैसे कैडर वोटर को छोड़ कर कोई भी खुलकर पक्ष में वोट देने की बात नहीं करते हैं।

    मंगलवार को हमारे संवाददाता ने विधानसभा क्षेत्र के जयनगर, बासोपट्टी एवं खजौली प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर ग्राउंड पर जाकर चाय दुकान, गली मोहल्ला समेत अन्य चौक चौराहा पर लोगों से उसकी राय जानने की कोशिश किया। सभी दलों की नजर पिछड़ा और दलित पर मंडरा रहा है। इसी बीच निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राजद के पूर्व विधायक सीताराम यादव का पुत्र विमल यादव वोटरों को लुभाने के लिए सभी स्तरों पर दाव आजमा रहे हैं।

    जन सुराज की एंट्री काफी महत्वपूर्ण 

    एनडीए व महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर में जन सुराज की एंट्री काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जन सुराज की मजबूती दोनों दलों की मुश्किल बढ़ा दिया है। इस बार विधानसभा चुनाव में जाति समीकरण पर कोई खास असर नहीं पड़ता दिख रहा है । 

    स्थानीय प्रत्याशी होने का प्रभाव भी प्रमुख माना जा रहा है। सभी दल अतिपिछड़ा, दलित और युवाओं पर नजरे टिकाए है। हालांकि महिलाएं शांत नजर आ रही है। क्षेत्रीय प्रत्याशी होने के कारण दलित, पिछड़ा का वोट कुछ प्रतिशत महागठबंधन को लाभ दिलाएगा।

    विजय कुमार सिंह का कहना है कि उच्च शिक्षा स्वास्थ्य सेवा में सुधार और विकास के नाम पर मतदान होना चाहिए। खजौली विधानसभा क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। समय पर वोट कर अपना पक्ष रखेगे।

    मोहम्मद मोहिद ने बताया कि इस बार कोई जातिय समीक्षात्मक नहीं चलेगा। बदलाव की लहर है और बदलाव होना चाहिए।

    विकास झा ने बताया कि वोटर दोनों गठबंधन के कार्यकाल को देख चुकी है। तीसरे दल के रूप में जन सुराज पार्टी के प्रति लोगों में उत्साह देखा जा रहा है।

    अरुण जैन ने कहा स्थानीय स्तर के समस्या के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर मजबूत नेतृत्व करने वाले प्रतिनिधियों की जरूरत है। जयनगर में कई समस्याएं हैं। जिसका समाधान नहीं हो सका।