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मिथिला की पावन भूमि है अयाची मिश्र डीह

मधुबनी। सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत स्थित अयाची डीह पर पं. अयाची शंकर वार्षिकोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर डीहपर दोपहर तीन बजे से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 11:33 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 11:33 PM (IST)
मिथिला की पावन भूमि है अयाची मिश्र डीह
मिथिला की पावन भूमि है अयाची मिश्र डीह

मधुबनी। सरिसब पाही पश्चिमी पंचायत स्थित अयाची डीह पर पं. अयाची शंकर वार्षिकोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर डीहपर दोपहर तीन बजे से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. किशोरनाथ झा ने कहा की यह मिथिला की पावन भूमि है। इस मिट्टी के स्पर्श मात्र से जीवन धन्य हो जाता है। यह भूमि विद्वानों के निर्माण की वह प्रयोगशाला है जो युगों युगों तक दैदिप्तिमान रहेगी। पं.भवनाथ उर्फ अयाची मिश्र व शंकर मिश्र मिथिलावासियों के लिए ही नहीं सम्पूर्ण भारतवासियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। हमें उनके ज्ञान परंपरा को अनवरत आगे बढ़ाते रहने का प्रण लेना होगा।

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इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष डॉ. किशोरनाथ झा ने समिति के सदस्य सह राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित सदस्य डा. रामजी ठाकुर को पाग, चादर, पुष्पगुच्छ व प्रसस्ति पत्र से सम्मानित किया । इस अवसर पर डा. रामजी ठाकुर ने समिति के सदस्यों को आभार व्यक्त करते हुए कहा की धन्यवाद के पात्र हैं अयाची डीह विकास समिति जो हमें इस कार्यक्रम के बहाने ही सही पं.अयाची व शंकर के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर दिया है। वर्षों से यह पावन डीह उपेक्षित रही बस विद्वानों की पुस्तकों में ही रही। परन्तु अयाची डीह विकास समिति के संयोजक मुखिया रामबहादुर चौधरी सचिव डा. विद्यानंद झा आदि के सहयोग से यह अपने गौरव को पाने की ओर है। पिछले दो वर्ष पूर्व आज ही के दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पं. अयाची मिश्र व प्रसव सेविका की प्रतिमा का अनावरण किया था जो हम सब के लिए गौरवशाली व ऐतिहासिक दिन था।अयाची डीह विकास समिति ने प्रतिवर्ष इस तिथि को वार्षिकोत्सव के रूप में मनाने का जो निर्णय लिया है वह प्रशंसनीय है। हम सब मिथिलावासियों को देश के हर कोने में वर्ष में एक बार जरूर न्याय दर्शन के विद्वान महामहोपाध्याय पं. अयाची शंकर महोत्सव मनाना चाहिए डा. जगदीश मिश्र ने कहा की सरिसब पाही विद्वानों का खान है। जहां एक से बढ़ कर एक विद्वान होते रहे हैं। जिन्होंने अपने कृतित्व व ज्ञान से मानव समाज का कल्याण किया है। मूर्ति अनावरण के समय डीह व परिसर के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी हुई थी। परन्तु ना जाने किस कारणवश दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी डीह के विकास के लिए कुछ नहीं हो सका है। महज एक काम हुआ है अबतक वो है प्लस टू लक्ष्मीश्वर एकेडमी उच्च विद्यालय के लिए भवन निर्माण जो प्रगति पर है। अमल कुमार झा ने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का अयाची डीह यात्रा हम सब के लिए महत्वपूर्ण रहा है। अयाची डीह विकास समिति अनवरत इस के साथ साथ परिसर के विकास के लिए प्रयत्नशील है। उसी का फल है की मुख्यमंत्री ने प्लस टू एल.एकेडमी के विकास के लिए लगभग डेढ़ करोड़ की राशि बावंटित की है।अयाची डीह विकास समिति का प्रयास है की यह पावन डीह धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो जाए। डा. विद्यानंद झा ने विस्तार पूर्वक पं. अयाची मिश्र के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी।

आयोजन प्रतिवेदन समिति के संयोजक व मुखिया रामबहादुर चौधरी ने दिया। विषय प्रवेश व्याख्यान डा. जगदीश मिश्र ने दिया। मंच संचालन अनुराग मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन समिति के संयोजक सह मुखिया रामबहादुर चौधरी ने दिया। इस अवसर पर डॉ. प्रबोध मिश्र, जिवनाथ मिश्र, डॉ. यशोदानाथ झा, डॉ. मधुकरजी, डॉ. मदनेश्वर जी ,डॉ. अजित मिश्र, डॉ. संजीव झा, उदय कुमार झा , डॉ. अशर्फी कामत , रतिनाथ झा , कृष्णकांत मंडल , संजीव चौधरी, लड्डू चौधरी , विक्की मंडल, सुशील राय, दिपक मंडल, शशि झा,पं. घुरन झा समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे ।


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