प्रासंगिक है पं. लाल दास रचित मिथिला रामायण
झंझारपुर(मधुबनी), निसं : मिथिला के महाकवि पं. लाल दास की 156 वां जयंती का भव्य आयोजन मंगलवार को देर शाम प्रखंड क्षेत्र के खड़ौआ उच्च विद्यालय पर किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप विकास आयुक्त ओम प्रकाश राय थे। उनके द्वारा इस समारोह का उदघाटन महाकवि प. लाल दास के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। खड़ौआ गांव निवासी झारखंड बिजली बोर्ड के भूतपूर्व चेयरमैन डा. हरिवंश लाल दास उर्फ लाल साहब ने सभा की अध्यक्षता की। जबकि मंच का संचालन संजीव कुमार कर्ण द्वारा किया गया। डीडीसी श्री राम ने महाकवि प. लाल दास द्वारा मैथिली भाषा में रचित रचनाओं पर प्रकाश डालते हुये उनके द्वारा रचित रमेश्वर चरित मिथिला रामायण को आज के समय भी प्रासंगिक बताया। साथ ही उनका कहना था कि मैथिली भाषा के धरोहर के रूप में माने जाने वाले स्व. महाकवि की जितनी भी प्रकाशित व अप्रकाशित रचनाएं है उनको पाठकों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। वक्ताओं में शामिल प्रो. खुशीलाल झा ने महाकवि की रचनाओं पर विशेष प्रकार डालते हुये बताया कि उनके द्वारा रचित मैथिली रामायण पर बाल्मिकी रामायण का प्रभाव है। उनका कहना था कि महाकवि को आज के समय सच्ची श्रद्धांजलि यही हो सकती है कि उनके द्वारा रचित अप्रकाशित रचानाओं का प्रकाशन कर पाठक तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। इस जयंती समारोह का प्रारंभ कुमार वंदना के स्वागत गान से किया गया। जबकि वक्ताओं में कुमार रामेश्वर जगदीश प्रसाद मंडल, जनक किशोर लाल दास, प्रो. खुशी लाल झा, हरिनारायण झा, अशोक अविचल आदि थे। समारोह में उपस्थित कवियों में जनक किशोर लाल दास, उमेश नारायण कर्ण, शंभू सौरभ, राम सेवक ठाकुर, हेमनारायण साह, पवन साह आदि थे। इस अवसर पर लाल दास जयंती समारोह समिति खड़ौआ के सदस्य प्रभात कुमार दास एवं राजेन्द्र कुमार दास द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष यह जयंती समारोह मनाया जायेगा। साथ ही महाकवि एवं प्रचार प्रसार के लिए समिति संकल्पित है। रात्रि के समय एसके कर्ण शर्मा के संचालन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
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