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    पेड़-पौधों की रक्षा हमारी प्राचीन संस्कृति

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 01 Jun 2017 01:53 AM (IST)

    मधुबनी। आयुर्वेद में भगवान शिव को वृक्षों का स्वामी कहा गया है। वट सावित्री व्रत पर वृक्षों की पूजा ...और पढ़ें

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    पेड़-पौधों की रक्षा हमारी प्राचीन संस्कृति

    मधुबनी। आयुर्वेद में भगवान शिव को वृक्षों का स्वामी कहा गया है। वट सावित्री व्रत पर वृक्षों की पूजा का धार्मिक महत्ता रहा है। वृक्ष ही प्राणों को संचालित करते हैं। प्रकृति की अनमोल देन पेड़-पौधों का सीधा संबंध हमारे जीवन से जुड़ा है। पेड़ों से प्राप्त होने वाले ऑक्सीजन पर हमारा जीवन निर्भर होता है। चिलचिलाती धूप में घने पेड़ों की छाया मां की ममता के समान सुकून देता है। पेड़ों की संख्या बढ़ाने के साथ ही इसकी समुचित देखभाल हमारा नैतिक जिम्मेवारी भी होती है। लगाए गए पेड़ों से प्राप्त होने वाले फल-फूल हमें नसीब होगा। ऐसे पेड़ों पर पक्षी अपना घोंसला बनाकर हमें दुआएं देंगे।

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    आईआईटीएस ने उठाया पौधरोपण का बीड़ा

    पर्यावरण संकट से उत्पन्न ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निजात पाने के लिए पौधरोपण को आवश्यक माना है। इस दिशा में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑ़फ टेक्निकल स्किल्स (आईआईटीएस) द्वारा पौधरोपण का संकल्प लेते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता का बीड़ा उठाया जा चुका है। निरंतर दो वर्षो से पौधरोपण, पौधदान व उसके संरक्षण कार्य को प्रोत्साहन दिया जाता रहा है। इस कड़ी को मजबूती प्रदान करने के लिए आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के दिशा में सार्थक पहल शुरू की गई है। निश्चित रुप से इसका आने वाले समय में व्यापक लाभ देखने को मिलेगा। आईआईटीएस सार्वजनिक स्थलों, विद्यालय, महाविद्यालय के अलावा सरकारी, गैर सरकारी प्रतिष्ठान परिसरों व आवासीय परिसर में पौधरोपण के साथ इसकी समुचित देखभाल के संकल्प को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

    - अनू झा, निदेशिका आईआईटीएस

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    पौधरोपण की आवश्यकता

    'पौधरोपण कार्य महान एक पेड़ सौ पुत्र के समान'के स्लोगन को धरातल पर शतप्रतिशत उतारने के दिशा में पौधरोपण व इसके संरक्षण के लिए आम लोगों को आगे आने की जरुरत है। शहर के गंगासागर तालाब स्थित काली मंदिर के नजदीक रामेश्वरी लता शिशु उद्यान, थाना चौक स्थित विद्यापति टावर पार्क, टाउन क्लब मैदान, नप कार्यालय परिसर में सत्येन्द्र प्रमोद वन, आरके कालेज, महिला कालेज, जेएन कालेज सहित अन्य शिक्षण संस्थान परिसर में पौधरोपण की आवश्यकता महसूस की जा रही है।- प्रो. एसएन झा रमण

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    लगाएं जलवायु से मेल खाते पौधे

    'पौधरोपण पर्यावरण संरक्षण के दिशा में वरदान साबित होगा। स्थानीय स्तर पर की जलवायु से मेल खाते आम, कटहल, जामुन इत्यादि फलदार पौधे लगाना चाहिए। संतुलित पर्यावरण लोगों के लिए प्राण रक्षक माना गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण के प्रति सजग होने की जरूरत है।'

    - गुणानंद यादव

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    पौधरोपण का संकल्प

    'जलवायु परिवर्तन की संकट से बचाव के दिशा में पौधरोपण काफी कारगर साबित होगा। मैं संकल्प लेता हूं कि प्रत्येक रविवार को 10 पौधे लोगों के बीच वितरण करूंगा। पौधरोपण के प्रति हरेक लोगों को आगे आना चाहिए।'

    - राजेश कुमार