बंद पड़े उद्योग -धंधे चालू हो
बेनीपट्टी (मधुबनी), संस : मिथिला राज्य के बिना मिथिलाचल का विकास संभव नहीं है। मिथिलाचल में वर्षों स
बेनीपट्टी (मधुबनी), संस : मिथिला राज्य के बिना मिथिलाचल का विकास संभव नहीं है। मिथिलाचल में वर्षों से बंद पड़े उद्योग व धंधे को चालू कराए जाने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। उक्त बातें अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के अध्यक्ष पं. कामदेव झा ने कही। उन्होंने कहा कि मिथिलाचल का विकास, कल-कारखानों की स्थापना, आर्थिक आजादी, राजनीतिक, सास्कृतिक को बढ़ावा, मैथिली भाषा का उत्थान, युवकों को रोजगार, बाढ़-सुखाड़ की स्थाई निदान, बिजली की समुचित व्यवस्था, राजनीति में भागीदारी सहित अन्य ज्वलंत समस्याओं के निदान के लिए मिथिला राज्य आवश्यक है। मिथिलाचल में बंद पड़े चीनी मिलों, पंडौल सूत कारखाना को चालू कराए जाने के दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। जबकि हर वर्ष बाढ़ व सुखाड़ का दंश झेलना, मिथिलाचल के लोगों का नियति बन गई है। श्री झा ने कहा कि नेपाल से निकलने वाली नदियों के पानी की व्यापक कार्य योजना के तहत समुचित उपयोग किया जाए तो मिथिलाचल अन्न उत्पादन के क्षेत्र में पंजाब, हरियाणा की तरह आगे बढ़ेगा। मिथिलाचल के युवाओं में उर्जा भड़ी है लेकिन उद्योग धंधे नहीं रहने के कारण रोजगार नहीं मिल रही है। विश्व में मिथिलाचल की संस्कृति की एक अलग पहचान है। यहां के सपूत देश व विदेशों में उच्च पदों पर आसीन हैं। जबकि मिथिलाचल विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है। इस अवसर पर अशोक झा, बटोही झा, डा. मोहन झा सहित कई लोग मौजूद थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।