सावन विशेष: तुरंत फल देते बाबा विदेश्वरनाथ
जागरण संवाददाता, मधुबनी: जिले के झंझारपुर अनुमंडल के प्राचीन गांव लोहना के सुरम्य प्राकृतिक वातावरण में सड़क किनारे एक छोटे लेकिन भव्य मंदिर में बाबा विदेश्वरनाथ विराज रहे हैं। इनके दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता।
किसने की स्थापना
खंडवलाकुल के राजा राघव सिंह के राजत्वकाल (1701-39) में सोदरपुरिए महिया मूल के हरपति झा के पुत्र बलभद्र झा ने वर्ष1925 के आसपास विदेश्वर शिव के रूप में इन्हें प्रतिष्ठापित किया।
महिमा है विशाल :
बाबा को लोग शीघ्र फल देने वाले के रूप में पूजते हैं। लोगों में ऐसी मान्यता है कि भूतभावन भगवान विदेश्वर ने इस भूमि को सिद्धपीठ जानकर ही यहां निवास कर इस स्थान को पुण्यप्रद बनाया।
सावन में होता कमला जल से जलाभिषेक
वैसे तो यहां सालों भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन सावन में यहां भारी संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं। समीप के कमला बलान नदी से कांवर में जल लाकर लोग अभिषेक करते है। जिस कारण सावन के सोमवारी को भारी भीड़ रहती है। इस स्थान की प्रसिद्धि जिला सहित सीमावर्ती जिलों में दूर-दूर तक है। माघ मकर मेला, शिवरात्रि आदि में भी दूर-दूर से लोग यहां पूजन व दर्शन को पहुंचते हैं। सावन में प्रतिदिन रात में बाबा का श्रृंगार आरती का विधान है।
जन सहयोग से हो रहा रख रखाव
मंदिर व परिसर का रख रखाव मुख्यत: जन सहयोग से होता है। कुछ दाता यहां धर्मशाला व परिसर के सौंदर्यीकरण का काम किया है। पुजारी शिवोत्तर में मिली थोड़ी सी भूमि से भोगराग व अन्य प्रबंध करते हैं।
कैसे पहुंचें
यहां पहुंचने के लिए मधुबनी से बाया मेंहथ होते हुए एनएच 57 के जरिए धाम पर पहुंच सकते है। झंझारपुर से झंझारपुर-लोहना सड़क से होकर भी सीधे धाम पर आप जा सकते हैं। मधुबनी से दूरी 40 किमी है। वहीं झंझारपुर आरएस से पांच किमी। पटना से आप एनएच 57 के सहारे आप सीधे धाम पर पहुंच सकते हैं। इस मार्ग पर सभी प्रकार के वाहन चलते हैं।
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