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    उम्मीद..महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटीं कुमारखंड की कुंती

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 Jan 2021 06:59 PM (IST)

    सरकार के प्रयास और लोगों में आई जागृति की वजह से अब ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी जागरूक हो रही हैं। अपने अधिकारों को समझ रही हैं। इसका इस्तेमाल भी कर रही हैं। महिलाओं में आए इस बदलाव का असर गांव-गांव में दिखने लगा है।

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    उम्मीद..महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटीं कुमारखंड की कुंती

    मधेपुरा। सरकार के प्रयास और लोगों में आई जागृति की वजह से अब ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी जागरूक हो रही हैं। अपने अधिकारों को समझ रही हैं। इसका इस्तेमाल भी कर रही हैं। महिलाओं में आए इस बदलाव का असर गांव-गांव में दिखने लगा है। अपने अधिकार को लेकर जागरूक होने की वजह से महिलाएं समाज की मुख्य धारा में बढ़ चढ़ हिस्सा ले रही है। यही वजह है कि ग्रामीण इलकों में महिलाओं ने समूह गठित कर अपना कार्य शुरू किया है। समूह जुड़ी महिलाओं ने जहां समाज में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहीं है। वहीं अपने परिवार को भी आर्थिक रूप से समृद्ध करने में जुटी हुई है। समूह से जड़कर पूरे जिले में पहचान बनाने में कामयाब होने वाली कुमारखंड प्रखंड के रानीपट्टी सुखासन पंचायत के सुखासन गांव निवासी कुंती देवी अब महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन चुकी है।

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    नारी सशक्तीकरण की दिशा में कुंती के कार्य की हो रही सराहना

    नारी सशक्तीकरण की दिशा में कुंती के कार्य की चारों ओर सराहना हो रही है। उन्होंने मेहनत और लगन के बल पर सूरज संकुल स्तरीय संघ के माध्यम से 11,112 महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गईं। उनकी प्रेरणा से प्रखंड के बेलारी, बिशनपुर कोडलाही, रानीपट्टी सुखासन, रौता, टेंगराहा सिकियाहा, टेंगराहा परिहारी पंचायतों की करीब दस हजार निरक्षर महिला अब साक्षर हुई हैं। हजारों महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

    कुंती के पहल के कारण नौ हजार से अधिक महिलाएं पशुपालन, 729 महिला किराना दूकान, 5498 महिला कृषि कार्य से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रही है। आज उनके देख रेख में 9255 कठ्ठा खेत में श्रीविधि तकनीक से गेहूं की खेती, 27292 कठ्ठा में मकई की खेती और 2380 कठ्ठा जमीन में किचेन गार्डन लगाकर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है। वहीं प्रखंड की 45 अनुसूचित जन जाति, 1420 अनुसूचित जाति, 3785 पिछड़ा वर्ग, 97 अल्पसंख्यक व 151 सामान्य वर्ग की महिलाओं ने सब्जी की खेती कर आर्थिक रूप से सबल हो रही है। इसके साथ ही उनके देख रेख में मलबरी योजना के तहत रानीपट्टी और बेलारी पंचायत में मलबरी की खेती की जा रही है। महिला किसानों के लिए स्थापित किया कृषि यंत्र बैंक

    महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए दो कृषि बैंक और किसान प्रशिक्ष केंद्र की स्थापना करवाई है। कृषि यंत्र बैंक में लाखों रुपये के यंत्र किसानों को भाड़े पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वजह से किसानों को वैज्ञानिक विधि से खेती करने में काफी आसानी हो रही है।

    जीविका के तहत घर-घर घूम कर कमजोर महिलाओं से मिलकर समूह का गठन किया। ग्राम संगठन बनाकर उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाई। जो महिला जिस छेत्र में रूचि रखती थी उसे उसी प्रकार का काम सौंपकर वृहद समूह तैयार कर लिया। सूरज संकुल स्तरीय संघ के तहत 65 ग्राम संघठन हैं। इसमें कुल-926 समूह है। इसके तहत कुल 11,112 महिलाएं विभिन्न रोजगार से जुड़ कर आत्मनिर्भर हो रही हैं।

    कुंती देवी

    अध्यक्ष

    सूरज संकुल स्तरीय संघ,

    कुमारखंड