मटर, मसूर, सरसों के साथ गेहूं बीज पर भी किसानों को मिलेगा अनुदान; ऑनलाइन करना होगा रजिस्ट्रेशन
कृषि विभाग पुरैनी प्रखंड के किसानों को दलहन और तेलहन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए रियायती दरों पर बीज उपलब्ध करा रहा है, जिसमें मटर, मसूर और सरसों शामिल हैं। किसानों को बीआरबीएन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। कृषि विभाग जल्द ही गेहूं के बीज भी उपलब्ध कराएगा। इस पहल से किसानों को लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा)। कृषि विभाग द्वारा दलहन एवं तेलहन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रखंड क्षेत्र के किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग द्वारा फिलहाल मटर, मसूर, सरसों, स्वीट कार्न एवं बेबी कार्न के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कृषि विभाग के इस प्रयास का किसानों द्वारा जमकर सराहना की जा रही है।
इस बाबत प्रखंड कृषि पदाधिकारी अंशुली प्रिया ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में दलहन एवं तेलहन उत्पादन को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी में वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि किसानों को अनुदानित दर पर बीज प्राप्त करने के लिए बीआरबीएन ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
योग्य किसान उक्त योजना का शत-प्रतिशत एवं वास्तविक लाभ समय पर लें सके इसलिए पंजीकरण प्रक्रिया आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि विभाग की योजनाओं का वास्तविक लाभ लेने के लिए कितने किसान जागरूक हैं।
बीएओ अंशुली प्रिया ने बताया कि वर्तमान में किसानों को अनुदानित दर पर 08 किलोग्राम तक मटर एवं मसूर बीज 02 किलोग्राम तक सरसों बीज के अलावे स्वीट कार्न एवं बेबी कार्न के बीज अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जल्द ही इच्छुक किसानों को गेहूं बीज भी अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे रवि सीजन की तैयारी में किसानों को काफी मदद मिलेगी। कृषि विभाग के इस प्रयास से क्षेत्र के किसान काफी उत्साहित हैं।
स्थानीय किसानों का कहना है कि सरकारी सहयोग से जहां बीजों की लागत में कमी आएगी। वहीं उत्पादन बढ़ने से मुनाफा भी बेहतर होगा। साथ ही कृषि विभाग की यह पहल आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास साबित होगी।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी अंशुली प्रिया ने प्रखंड क्षेत्र के किसानों से अपील की है कि वे समय पर पंजीकरण करा कर इस सरकारी योजना का लाभ निश्चित रूप से उठाएं। साथ दलहन एवं तेलहन फसलों की खेती को बढ़ावा दें। जिससे प्रखंड क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था और सुदृढ़ हो सके।

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