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    कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने का प्रस्ताव अधर में

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 09 Jun 2021 12:14 AM (IST)

    मधेपुरा । जिले में कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने लिए कृषि विभाग की ओर से पहल की गई थी। कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने पर सब्सिडी देने की बात भी कही गई थी लेकिन कृषि विभाग की यह पहल अधर में लटकी हुई है। अब तक जिले में एक भी कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई स्थापित नहीं हो पाई है।

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    कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने का प्रस्ताव अधर में

    कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने का प्रस्ताव अधर में

    मधेपुरा । जिले में कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने लिए कृषि विभाग की ओर से पहल की गई थी। कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने पर सब्सिडी देने की बात भी कही गई थी, लेकिन कृषि विभाग की यह पहल अधर में लटकी हुई है। अब तक जिले में एक भी कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई स्थापित नहीं हो पाई है।

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    मालूम हो कि जिले में मखाना, फल-सब्जी, मक्का, शहद, बीज व औषधीय पौधे की प्रोसेसिग इकाई लगाने के लिए कृषि विभाग ने पहल की थी। विभाग की ओर से व्यक्तिगत स्तर पर इस तरह की प्रसंस्करण इकाई लगाने पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। वहीं, किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) द्वारा इस तरह की इकाई लगाने पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जानी थी।

    जानकारी के अनुसार, कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में इस योजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन योजना प्रारंभ होने के नौ माह बाद भी इस योजना को जिले में गति नहीं मिल सकी है।

    नहीं मिल सकी योजना को गति

    कृषि निवेश प्रोत्साहन निति के तहत व्यक्तिगत स्तर पर या कृषि समूह से जुड़े लोगों को इस योजना से जोड़ना था। कृषि विभाग ने 25 लाख से लेकर पांच करोड़ रुपये तक के उद्योग लगाने पर सब्सिडी देने की बात कही थी। स्थानीय स्तर पर कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने व किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इसे एक बेहतर पहल मानी गई थी। प्रोसेसिग उद्योग लगाने के इच्छुक लोगों को बैंक माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने और सब्सिडी देने की बात कही गई थी, लेकिन कृषि विभाग का यह प्रस्ताव अभी तक अधर में लटका हुआ है।

    दो किस्त में दी जानी थी सब्सिडी जिले में कृषि आधारित उद्योग लगाने वालों को दो किस्तों में सब्सिडी की राशि उपलब्ध कराई जानी थी। पहली किस्त उद्योग लगाने के लिए सामग्री खरीदने पर। दूसरी किस्त उद्योग पूरी तरह से स्थापित हो जाने के बाद दी जानी थी। बागबानी मिशन है नोडल एजेंसी

    कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति को धरातल पर उतारने के लिए बिहार बागबानी मिशन को इसका नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसी की देखरेख में इस योजना के तहत इच्छुक लोगों को कृषि आधारित उद्योग लगाने को प्रोत्साहित किया जाना था। जिला स्तर उद्यान पदाधिकारी की देखरेख में इस योजना के इच्छुक लोगों या कृषि उत्पादक समूह को इसके लिए प्रोत्साहित करना था।

    कोट जिले में कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाई लगाने पर सब्सिडी दी जानी है। राज्य स्तर से इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किया जा चुका है। जिले में प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। -राजन बालन, जिला कृषि पदाधिकारी, मधेपुरा

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