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    Bihar Politics: 'जन सुराज में भी अच्छा उम्मीदवार नहीं है तो...', ये क्या बोल गए प्रशांत किशोर

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 04:39 PM (IST)

    जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मधेपुरा में कहा कि बिहार की जनता अब लालू-नीतीश के डर से बाहर निकले। उन्होंने कहा कि 35 सालों से लोग इन्हीं विकल्पों में उलझे रहे हैं। अब जन सुराज एक नया विकल्प है, जो पलायन की समस्या को खत्म करेगा और युवाओं को रोजगार देगा।

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    जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर।

    जागरण टीम, मधेपुरा। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशाेर (Prashant Kishor) बुधवार को मधेपुरा पहुंचे। यहां उन्होंने मधेपुरा व उदाकिशुनगंज में रोड शो किया। फिर चौसा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जनता के पास नीतीश और भाजपा के डर से लालू का जंगलराज वापस लाने की मजबूरी नहीं है। इस बार बिहार के लोग पुराने डर और भ्रम से बाहर निकलें और जन सुराज को मौका दें।

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    उन्होंने आगे कहा कि 35 सालों से बिहार की जनता दो ही विकल्पों में उलझी रही है। नीतीश कुमार और भाजपा के डर से लालू यादव को तो लालू यादव के डर नीतीश-भाजपा को वोट किया जा रहा है। लोगों को अब लालू, नीतीश और भाजपा को वोट देने की जरूरत नहीं है।

    पीके ने कहा कि अब जनता के पास एक सच्चा और नया विकल्प जन सुराज है। हमारी सरकार बनने पर बिहार से पलायन की समस्या खत्म होगी और राज्य के नौजवानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में भटकना नहीं पड़ेगा।

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    जन सुराज में अच्छा उम्मीदवार नहीं है तो उसे भी हरा दीजिए:

    मधेपुरा के रोड शो के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि अब वक्त है बिहार को नई दिशा देने का। जनता ठान ले, तो बिहार को बदलने से कोई नहीं रोक सकता है। जन सुराज में भी अच्छा उम्मीदवार नहीं है तो उसे भी हरा दीजिए और जो आपके इलाके में अच्छा उम्मीदवार है उसे जिता दीजिए, वह चाहे किसी भी दल का हो। जन सुराज जीते या न जीते, बिहार को जितना चाहिए।

    आपके बच्चे फिर से पीठ पर बोरा रखकर वापस जाने के लिए मजबूर होंगे:

    चौसा में जनता हाई स्कूल मैदान में प्रशांत किशोर ने कहा कि बच्चों की शिक्षा अगर बेहतर चाहते हैं तो जन स्वराज को लाना ही होगा। हमारे बच्चे अभी बहुत मुश्किल से छठ पर्व में वापस घर आए हैं। अगर आपने उनके लिए वोट नहीं दिया तो वे फिर से पीठ पर बोरा रखकर वापस जाने के लिए मजबूर होंगे और अगले पांच साल तक यह स्थिति नहीं सुधरेगी। मोदीजी को बिहार से बहुत समर्थन मिला, लेकिन उन्होंने फैक्ट्री सूरत में लगवाई।

    इधर, लालू-नीतीश ने मिलकर अपने 35 वर्षों के शासन में बिहार को मजदूरों की फैक्ट्री बना दिया है। नीतीश सरकार जनता को लूट रही थी और अब महिलाओं को 10-10 हजार वोट के लिए रुपये दे रही है। लालटेन में जलते रहेंगे तो रोशनी लालू जी के घर में होती रहेगी। इस बार नाली-गली के लिए नहीं, हिंदू-मुसलमान के लिए नहीं अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा और रोजगार के लिए वोट दीजिए।