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    पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर ई-केवाईसी कराने को बढ़ी भीड़, लाखों को मिलेगा इसका लाभ; तीन चरणों में होगा वेरिफिकेशन

    Updated: Wed, 10 Jan 2024 05:03 PM (IST)

    पीएम विश्वकर्मा योजना को ले ई-केवाईसी कराने को लोगों की भीड़ बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 से 2027-2028 तक देश के 30 लाख लोगों को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभान्वित करने की योजना है। इसके तहत बढ़ई समेत अठारह प्रकार के काम करने वालों को इस योजना का लाभ मिलेगा। केवीईसी के लिए सेंटरों में ग्रामीण महिलाओं की भीड़ भी उमड़ रही है।

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    पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर ई-केवाईसी कराने को बढ़ी भीड़।

    संवाद सूत्र, कुमारखंड (मधेपुरा)। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए सीएसपी केंद्रों पर दिन ब दिन केवाईसी कराने वालों की भीड़ उमड़ रही है। जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-2024 से 2027-2028 तक देश के 30 लाख लोगों को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभान्वित करने की योजना है। इसके तहत बढ़ई समेत अठारह प्रकार के काम करने वालों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

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    योजना से लाखों होंगे लाभान्वित

    इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में पांच लाख लोग लाभांवित होंगे। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2027-2028 तक 30 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।

    इस योजना के लाभ के लिए बैंक खाता में केवाईसी व मोबाइल नंबर लिंक कराने के लिए कुमारखंड, रामनगर, रहटा, रौता, मंगरवारा, इसरायण समेत अन्य सीएसपी सेंटरों पर ग्रामीण महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है।

    जबकि इस स्कीम का लाभ पारंपरिक कौशल वाले लोगों को ही मिलेगा। इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

    इन सभी को मिलेगा योजना का लाभ

    यह योजना अगले पांच साल यानी 2023-2024 से 2027-2028 तक लागू रहेगी। इस योजना के तहत कारीगरों और हस्तशिल्प श्रमिकों को विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र मिलेगा। इन लोगों को पहले चरण में एक लाख तक का ब्याज़ मुक्त ऋण मिलेगा।

    इसके बाद दूसरे चरण में पांच फीसदी की रियायती ब्याज दर के साथ दो लाख रुपए मिलेंगे। इसका लाभ बढ़ई, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर गढ़ने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, बुनकर, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, रस्सी कातने वाले, बेलदार, पारंपरिक खिलौना निर्माता, नाई, हार बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला, नाव बनाने वाले, कवच बनाने वाला, लोहार, ताला बनाने वाले, कुल्हाड़ियों और अन्य उपकरण वाले व्यक्ति को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए बुनियादी एवं उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    प्रशिक्षणार्थियों को आर्थिक मदद भी देगी सरकार

    इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही औद्योगिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

    इस योजना के तहत पहले वर्ष में पांच लाख परिवारों को लाभ मिलेगा और पांच वर्षों में कुल 30 लाख परिवारों को इस योजना से लाभ मिलेगा। आवेदक के पहला चरण में मोबाइल और आधार वेरिफिकेशन होगा।

    तीन चरणों में होगा वेरिफिकेशन

    दूसरे चरण में पंजीयन फॉर्म के जरिए आवेदक आवेदन कर पाएंगे। ग्राम पंचायत व शहरी निकाय के सीएससी पर इसे आनलाइन भी किया जा सकता है। तीसरे चरण में आवेदक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और पहचान पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

    इसके चौथे चरण में अपनी कुशलता के मुताबिक आवेदक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन दाखिल होने के बाद तीन चरणों में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। उसके बाद ही आवेदकों को लाभ मिलेगा।

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