बदहाल व्यवस्था का दंश झेल रहा महंत हरिहर उच्च विद्यालय
मधेपुरा। प्रखंड के महंत हरिहर उच्च विद्यालय रानी पोखर की अलग ही साख थी लेकिन अब वह बात न

मधेपुरा। प्रखंड के महंत हरिहर उच्च विद्यालय रानी पोखर की अलग ही साख थी, लेकिन अब वह बात नहीं रही। स्थापना काल से बेहतर शिक्षा के लिए जाने जाने वाला विद्यालय आज बदहाल व्यवस्था का दंश झेल रहा है। यहां अब मनमर्जी से पढ़ाई होती है। कौन शिक्षक विद्यालय आते हैं, कौन नहीं। यह देखने वाला कोई नहीं है। परीक्षा के समय या फॉर्म भरने के समय ही विद्यालय के शिक्षक व छात्र नजर आते हैं। गुरुवार को विद्यालय में पदस्थापित 13 शिक्षक व कर्मचारी में से मात्र एक शिक्षक अरुण कुमार मेहता उपस्थित थे। शेष सभी शिक्षक व कर्मचारी गायब मिले। इतना ही नहीं खुद प्रधानाध्यापक भी गायब थे। विद्यालय क्यों नहीं आए इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी। लोग बताते हैं कि खुद प्रधानाध्यापक ही नहीं आते हैं तो व्यवस्था को कौन देखेंगा।
विद्यालय के सभी वर्ग कक्ष के साथ स्मार्ट क्लास और प्रयोगशाला सहित पुस्तकालय कक्ष में ताला लटका हुआ था। देखने से मालुम हो रहा था कि कभी कभार ही ताला खुलता है। पुस्तकालय और प्रयोगशाला खोलने की बात पर उपस्थित शिक्षक अरूण मेहता ने बताया कि ताला का चाभी प्रधानाध्यापक के पास है। प्रधानाध्यापक व अन्य शिक्षक नहीं रहने के संबंध में शिक्षक अरुण मेहता ने बताने में असमर्थता जताई। कहा कौन आते हैं, कौन नहीं आते यह सब देखना प्रधानाध्यापक व अधिकारियों का काम है। विद्यालय की व्यवस्था और भवन की जर्जर हालत और शौचालय की दयनीय स्थिति को देखने वाला कोई नहीं है।
गांव की थी धरोहर महंत हरिहर उच्च विद्यालय रानी पोखर फुलकाहा पुराने जमाने से ही गांव की धरोहर के रूप में विद्यालय की ख्याति थी। विद्यालय की पहचान और यहां के पठन पाठन की चर्चा दूर-दूर तक होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। विद्यालय के शिक्षक ही शिक्षा का मखौल बनाकर रख दिया है। अपनी मनमर्जी से विद्यालय आते हैं और जाते हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक की पकड़ विद्यालय की व्यवस्था पर नहीं रहने का नतीजा है कि विद्यालय में छात्रों की आवाजाही भी बंद हो गया है।
12 शिक्षकों पर है 400 छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की है जिम्मेदारी विद्यालय में 400 सौ के आसपास नामांकित छात्रों की संख्या है। छात्रों को पढ़ाने के लिए 12 शिक्षक पदस्थापित हैं, लेकिन विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति न के बराबर होने के कारण विद्यालय से छात्र-छात्राओं ने अपना नाता तोड़ लिया है। कारण यहां पढ़ाई ठीक से नहीं होती है। नहीं पदस्थापित है प्रधानाध्यापक और क्लर्क
विद्यालय में पदस्थापन की बात करें तो यहां विषय के अनुसार सभी पद भरे हुए हैं। यानी यहां हर विषय के शिक्षकों की पदस्थापना है। परंतु सभी शिक्षकों और विद्यालय का संचालन करने वाला प्रधानाध्यापक पद रिक्त है। फिलहाल भूगोल के शिक्षक आशुतोष आनंद को 2015 में प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया है।
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