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    आशा ने लिए 3000, सिजेरियन ऑपरेशन के बाद जच्चा की मौत; जांच कमेटी गठित

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 08:28 PM (IST)

    मधेपुरा सदर अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों ने आशा कार्यकर्ता पर तीन हजार रुपये लेकर पुरुष चिकित्सक से ऑपरेशन करान ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मधेपुरा। सदर अस्पताल में सोमवार की शाम प्रसव कराने पहुंची प्रसूता की सिजेरियन ऑपरेशन के बाद मौत हो गई। मृतका की पहचान सुपौल जिले के बघरी गांव निवासी मिलन कुमार की पत्नी काजल कुमारी(22) के रूप में हुई है। हालांकि बच्चा स्वस्थ है। स्वजन के अनुसार महिला चिकित्सक के द्वारा मेडिकल कालेज रेफर कर दिए जाने के बाद आशा कार्यकर्ता बेबी ठाकुर के द्वारा तीन हजार रुपये लेकर पुरुष चिकित्सक से काजल का सिजेरियन ऑपरेशन करवाया गया।

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    साेमवार शाम सात बजे हुए ऑपरेशन के बाद देर रात जच्चा की मौत हो गई। यह मामला जिलाधिकारी अभिषेक रंजन के संज्ञान में आते ही पूरा स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन से इसकी रिपोर्ट तलब की है।

    वहीं, स्वजन ने मामले की जांच कर दोषी आशा और चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने व मृतक के आश्रित को उचित मुआवजा देने की मांग की है। डीएम के संज्ञान लेते ही सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश ठाकुर ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

    मधेपुरा सदर प्रखंड के मालिया गांव निवासी गुगली राम ने सिविल सर्जन को दिए आवेदन में आरोप लगाया है कि वह अपनी बहन काजल को प्रसव के लिए सोमवार दोपहर को तीन बजे दिन में सदर अस्पताल पहुंचे। ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक ने काजल की जांच करने के बाद बताया कि सिजेरियन ऑपरेशन कर प्रसव कराया जाएगा।

    इसके बाद अस्पताल में व्यवस्था की कमी बताकर महिला चिकित्सक ने मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। इसके बाद हमलोग काजल को लेकर मेडिकल कालेज जाने की तैयारी करने लगे। इसी बीच आशा कार्यकर्ता बेबी ठाकुर आई और तीन हजार रुपये देने पर यहीं ऑपरेशन करवा देने का आश्वासन दिया।

    तत्काल दो हजार रुपये देने पर उक्त आशा कार्यकर्ता ने महिला चिकित्सक के बदले पुरुष चिकित्सक से काजल का सिजेरियन ऑपरेशन करवा दिया। ऑपरेशन के कुछ देर बाद काजल की मौत हो गई। गुगली राम के अनुसार महिला चिकित्सक ने खून की कमी रहने की बात भी बताई थी। फिर ऑपरेशन के पहले चिकित्सक ने खून की मांग हमलोगों से नहीं की गई।

    मूर्छक नहीं रहने के कारण महिला चिकित्सक ने किया था रेफर:

    प्रसूता काजल की जांच करने वाले स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. खुशबू प्रकाश ने बताया कि प्रसव हेतु आई काजल की जांच में पता चला कि पेट में बच्चादानी फट गया है। सदर अस्पताल में मुर्छक नहीं रहने के कारण गंभीर ऑपरेशन करना संभव नहीं था। इसलिए मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया था।

    अस्पताल उपाधीक्षक के निर्देश डॉ. मुकेश ने किया था ऑपरेशन:

    मृतका का सिजेरियन ऑपरेशन करने वाले जेनरल सर्जन डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि अस्पताल उपाधीक्षक के निर्देश पर हमने प्रसूता काजल कुमारी का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद जच्चा बच्चा पूरी तरह स्वास्थ्य था। परंतु कुछ देर बाद काजल की मौत हो गई।

    सिजेरियन ऑपरेशन के बाद काजल की हुई मौत मामले की जांच तीन सदस्यीय जांच टीम कर रही है।जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। - डॉ. रंजना कुमारी, गैर संचारी रोग पदाधिकारी, मधेपुरा