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    Madhepura News: गुरुजी भूल रहे ईमानदारी का पाठ, जमकर कर रहे घोटाला, फर्जी शिक्षकों ने 27 लाख की राशि तक निकाल ली थी

    By Dharmendra KumarEdited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Sat, 11 Nov 2023 05:03 PM (IST)

    कुमारखंड में दो फर्जी शिक्षकों ने वेतन के नाम पर 27 लाख की राशि निकाल ली थी। इस मामले में एचएम सहित शिक्षा विभाग के चार कर्मी को निलंबित कर दिया गया था। मामला 2021 का है। मामला संज्ञान में आने के बाद दोषी पर कार्रवाई की गई थी। वहीं जिले के मुरलीगंज में शिक्षक नियोजन के दौरान आठ लाख रुपए की मांग की गई थी।

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    मधेपुरा में ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले गुरूजी ही भ्रष्टाचार में लिप्त

    जागरण संवाददाता, मधेपुरा। यहां इमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले गुरूजी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। एक दो नहीं दर्जन भर से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। शिक्षकों पर आरोप लगे, यहां तक कि आरोप सिद्ध होने पर जेल तक जा चुके हैं। जिले के कई शिक्षकों पर कई मामले दर्ज हुए हैं।

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    दो फर्जी शिक्षकों ने वेतन के नाम पर 27 लाख की राशि निकाल ली थी

    कुमारखंड में दो फर्जी शिक्षकों ने वेतन के नाम पर 27 लाख की राशि निकाल ली थी। इस मामले में एचएम सहित शिक्षा विभाग के चार कर्मी को निलंबित कर दिया गया था। मामला 2021 का है। इसमें प्राथमिक विद्यालय रहटा रामनगर में सहायक शिक्षिका के रूप में बीबी रहमत प्रवीण व उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपीपुर में नूतन कुमारी विद्यालय में कार्यरत नहीं रहते हुए भी शिक्षा विभाग के कर्मियों से मिलकर वेतन मद का 27 लाख की राशि निकालकर बंदरबांट कर लिया था।

    वहीं जिले के मुरलीगंज में शिक्षक नियोजन के दौरान आठ लाख रुपए की मांग की गई थी। मामला 2021 का है। इसमें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सूर्य प्रसाद यादव पर आरोप लगा था। शिक्षा विभाग ने जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया था। इसके अलावा सिंहेश्वर प्रखंड के सुखासन स्थित सिमराही मध्य विद्यालय के शिक्षक अनिल कुमार ने सेवानिवृति के बाद भी चार माह तक वेतन ले लिया था।

    भ्रष्टाचार में पहले भी लिप्त रह चुके हैं कई गुरुजी  

    मामला संज्ञान में आने के बाद दोषी पर कार्रवाई की गई थी। वहीं पुरैनी प्रखंड अंतर्गत गणेशपुर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गणेशपुर में प्रधान शिक्षक पर विकास मद की राशि को फर्जी तरीके से निकासी कर लिए जाने का आरोप लगा था। जबकि सदर प्रखंड के भर्राई में भवन निर्माण कार्य की राशि गबन करने के आरोपित शिक्षक ओम प्रकाश ऋषिदेव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

    उनके ऊपर चार लाख 68 हजार 388 रुपये गबन करने का आरोप लगा था। पुरैनी में शिक्षक ने भवन निर्माण की राशि का गबन कर लिया। मामले में शिक्षक को जेल भी जाना पड़ा। कई उदाहरण है जिसमें बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक ही भ्रष्टाचार में शामिल हो गए हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद तत्काल कार्रवाई की जाती है। कई मामले में केस भी दर्ज हुआ है।

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