Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दो साल से बंद मधेपुरा सदर अस्पताल का आक्सीजन प्लांट, बाहर से रिफिल कराया जा रहा सिलेंडर

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 05:45 AM (IST)

    मधेपुरा सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट दो साल से बंद है। इस वजह से अस्पताल प्रशासन को बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराकर काम चलाना पड़ रहा है। प्लांट ...और पढ़ें

    Hero Image

     सदर अस्पताल में बंद पड़ा है आक्सीजन प्लांट। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, मधेपुरा। कोरोना काल में निर्बाध आक्सीजन की सप्लाई के लिए सदर अस्पताल में दो-दो आक्सीजन प्लांट लगाए गए थे। जिसमें एक प्लांट दो साल पूर्व ही बंद हो गया था अब दूसरा भी ठप हो चुका है।

    अस्पताल में सप्लाई के लिए मेडिकल कालेज पर निर्भरता है। कभी-कभार बाजार से खरीदना भी पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन तकनीकी गड़बड़ी का हवाला दे रहे हैं।

    कोरोना काल में स्थापित किया गया था फ्रांस का मशीन

    कोरोना काल में जब आक्सीजन के लिए चारों तरफ हाहाकार मचा था तो केंद्र सरकार की मदद से सदर अस्पताल में फ्रांस से मशीन मंगवाकर आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री फंड से लगाए गए इस प्लांट की क्षमता 1000 एलपीएम यानी एक हजार लीटर प्रति मिनट है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जो दो साल पूर्व से ही ठप पड़ा है। तकनीकी खराबी की बात कही जा रही है। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम प्रिंस कुमार का कहना है कि विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है। किसी एक पार्ट्स की वजह से मशीन चालू नहीं हो पा रहा है जो फ्रांस से मंगाया जाना है।

    कंसंट्रेटर के भरोसे से चल रहा अस्पताल की व्यवस्था

    इधर, दूसरी प्लांट जो कम क्षमता वाली है वह भी ठप पड़ा हुआ है। अस्पताल में आक्सीजन की सप्लाई के लिए कंसंट्रेटर पर निर्भरता है। लेकिन आइसीयू में जंबो सिलेंडर की जरूरत होती है। इसकी पूर्ति के लिए बीएमएसआइसीएल द्वारा उपलब्ध कराए गए सिलेंडर को सहरसा से रिफिलिंग कराना पड़ता है।

    अस्पताल प्रबंधक नवनीत चंद्रा के अनुसार रिफिलिंग में खर्च कम होता है। 40 से अधिक कंसंट्रेटर अस्पताल में उपलब्ध है। इसलिए अधिक परेशानी नहीं है। अधिकांश सीएचसी व पीएचसी में भी कोरोना काल से ही कंसंट्रेटर की उपलब्धता है।