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    Sawan 2025 Somwar Date: सावन में इस बार होंगे 4 सोमवारी व्रत, 30 दिनों का होगा महीना; जानिए जरूरी बातें

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 05:24 PM (IST)

    इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा जिसमें चार सोमवार होंगे। सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और उनकी पूजा करना फलदायी होता है। सावन के सोमवार व्रत विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य और कुंवारी कन्याओं के लिए मनचाहा वर प्रदान करते हैं।

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    सावन में इस बार होंगे 4 सोमवारी व्रत

    संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा)। इस बार सावन माह चार सोमवारी के साथ 30 दिनों का होगा। सावन का महीना 11 जुलाई (शुक्रवार) से शुरू होकर 09 अगस्त (शनिवार) को संपन्न होगा। 09 अगस्त को सावन पूर्णिमा के मौके पर रक्षाबंधन पर्व भी मनाया जाएगा। सनातन धर्म में सावन को सबसे पुण्यदायी महीना माना गया है। इस माह में भगवान शिव धरती पर मौजूद रहते हैं।

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    बता दें कि इस बार सावन का पहला सोमवारी व्रत 14 जुलाई, दूसरा 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई एवं चौथा सोमवारी 04 अगस्त को होगा। पूर्णिमा तिथि 08 अगस्त दोपहर 2:12 बजे से प्रारंभ होगी, जो 09 अगस्त दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी।

    ज्योतिषाचार्य सह पंडित दिनकर झा ने बताया कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस माह में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ फलदाई माना जाता है। उन्होंने बताया कि व्रत त्यौहार जीवन में खुशहाली लेकर आता है। वहीं, व्रत का पारायण आध्यात्मिक उन्नति के साथ मोक्ष की प्राप्ति का सबसे आसान रास्ता है।

    ऋषि मुनियों ने विभिन्न त्यौहारों में धार्मिक उत्सवों एवं व्रत का ही प्रावधान नहीं किया है, बल्कि उन्हें धर्म, समाज और जीवन का अभिन्न अंग भी माना है। भारतीय संस्कृति में व्रत उपासना का महात्म्य देखने को मिलता है। आचार्य ने कहा कि इस बार सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है और 09 अगस्त को समाप्त हो रहा है।

    सावन में सोमवारी का व्रत करने से विवाहित स्त्रियों को जहां सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, कुंवारी कन्याओं के व्रत करने से मनचाहा वर की प्राप्ति होती है। सावन माह भगवान शिव को विशेष प्रिय है। सावन में प्रतिदिन शिव की उपासना का विधान है।

    पंडित पवन झा ने बताया कि प्रत्येक सोमवार तथा प्रदोष में शिवपूजन अवश्य करना चाहिए इसमें नियम, संयम, भक्ति भाव, शुद्ध आचरण व शुद्ध आहार, शुद्ध विचार रखने से भक्तों पर भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा बरसती है।