खेत में गेहूं की फसल पक कर तैयार, नहीं मिल रहे मजदूर
संवाद सूत्र मधेपुरा जिले के प्रखंडों से काफी संख्या में मजदूरों का पलायन कर जाने से किस
संवाद सूत्र, मधेपुरा: जिले के प्रखंडों से काफी संख्या में मजदूरों का पलायन कर जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। मजदूर नहीं मिलने के कारण गेहूं की फसल काटी नहीं जा रही है। किसानों की फसल पककर तैयार है, लेकिन कटाई नहीं होने से खेतों में झड़ जाने का खतरा पैदा हो गया है। फाल्गुन मास के अंतिम सप्ताह में रबी की फसल की कटाई शुरू हो जाती है। इनमें दलहनी व तेलहनी फसलों की कटाई पहले शुरू होती है। इसके बाद गेहूं व अन्य फसलें काटी जाती हैं। वर्तमान में फाल्गुन निकल गया है। रबी की फसलें पूरी तरह से पक गई है।
किसानों का कहना है कि हार्वेस्टर मालिक भी फसलों की कटाई के दौरान आर्थिक शोषण में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी महंगाई की आड़ में किसानों से फसल काटने के एवज में मनमाने रेट वसूल रहे हैं। सरकार व स्थानीय प्रशासन इस पर भी हस्तक्षेप कर फसल कटाई का रेट तय करें। फसल कटाई का कोई भी रेट तय नहीं किया जाता है। मनमौजी रेट लिया जा रहा है। मजदूर व हार्वेस्टर के अभाव में किसानों को फसल की पैदावार की कीमत नहीं मिल पा रही है। इससे किसान काफी परेशान हैं। कटाई नहीं होने से फसल की थ्रेसिग नहीं हो पा रही है। खेतों में फसल तो खड़ी है लेकिन समय पर पैदावार नहीं मिल पा रही है। ऐसे में किसानों के सामने घोर संकट है।
सता रहा है मौसम का डर
मजदूर के अभाव के बीच मौसम से किसान भयभीत हैं। पिछले एक सप्ताह से चल रही पूरवा हवा ने किसानों के होश उड़ा दी है। मौसम विज्ञान केंद्र, अगवानपुर के विज्ञानी अशोक कुमार पंडित का कहना है कि जितनी जल्दी हो सके किसान गेहूं की फसल को तैयार कर लें। अगर बारिश हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी।
इंतजार के बाद भी नहीं मिल रहे मजदूर गेहूं की फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। फसलों स्थिति बिगड़ने लगी। उत्पादन प्रभावित होने का डर सताने लगा। -राजेश रतन उर्फ मुन्ना, किसान
गेहूं की फसल पकने के पूर्व ही पंचायतों से भारी संख्या में मजदूर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे शहरों में पलायन कर गए हैं। मजदूरों के पलायन कर जाने से गांव में केवल महिला, बच्चे और बुर्जग ही बचे हैं। -अमरेंद्र कुमार यादव,
मुखिया प्रतिनिधि, मदनपुर
गांव में मजदूरों का काफी अभाव है। यही कारण है कि मजदूर इसका लाभ उठाकर किसानों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। गेहूं कटनी में मजदूरी निर्धारित नहीं रहने के कारण मजदूर मनमाने तरीके से मजदूरी ले रहे हैं। किसानों के साथ मजबूरी है कि अगर वे मुंहमांगी मजदूरी नहीं देंगे तो उनकी फसल खेतों में ही रह जाएगी। -दिनेश प्रसाद यादव, किसान
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