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    Bihar News: पकड़ौआ विवाह कायम रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं वंदना, पटना हाई कोर्ट ने अवैध मानी है शादी

    By Mukesh KumarEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Wed, 13 Dec 2023 07:11 PM (IST)

    पटना हाईकोर्ट से मिली हार के बाद लखीसराय के रजौना चौकी निवासी विपिन सिंह की पुत्री वंदना कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वह नवादा के रेवरा निवासी चंद्रमौलेश्वर सिंह के बेटे आर्मी जवान रविकांत के साथ हुए पकड़ौआ विवाह को वैध मान रही हैं। वंदना 10 वर्षों से कोर्ट की लड़ाई लड़ रही हैं। वंदना अपने दो भाइयों से बड़ी हैं।

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    पकड़ौआ विवाह कायम रखने सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं वंदना, पटना हाई कोर्ट ने अवैध मानी है शादी

    मुकेश कुमार, लखीसराय। बिहार में लखीसराय और बेगूसराय दो ऐसे जिले हैं, जहां आज भी लड़कों का अपहरण शादी के लिए किया जाता है। ऐसे पकड़ौआ विवाह में झटपट किसी मंदिर या घर में लड़की की मांग में सिंदूर डलवाकर विवाह की रस्में पूरी कर ली जाती हैं। ऐसी ही एक शादी में पटना हाईकोर्ट ने सख्त फैसला देते इसे अवैध करार दिया है। मामला लखीसराय की लड़की एवं नवादा जिले के लड़के के बीच पकड़ौआ विवाह से जुड़ा हुआ है।

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    पटना हाईकोर्ट से मिली हार के बाद लखीसराय के रजौना चौकी निवासी विपिन सिंह की पुत्री वंदना कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वह नवादा के रेवरा निवासी चंद्रमौलेश्वर सिंह के बेटे आर्मी जवान रविकांत के साथ हुए पकड़ौआ विवाह को वैध मान रही हैं। वंदना 10 वर्षों से कोर्ट की लड़ाई लड़ रही हैं।

    लड़की पक्ष बता रहा प्रेम-विवाह

    वंदना अपने दो भाइयों से बड़ी हैं। इंटर पास वंदना और आर्मी जवान रविकांत की शादी 30 जून, 2013 को अशोकधाम मंदिर में हुई थी। लड़के वालों ने इसे पकड़ौआ विवाह बताते हुए रिश्ता मानने से इनकार कर दिया, चूंकि अपहरण के बाद शादी की रस्म कराई गई थी। लड़की पक्ष इसे प्रेम-विवाह बता रहा है। रविकांत वंदना की फुफेरी बहन का देवर है।

    वंदना के अनुसार, 2013 में शादी से पहले रविकांत और वंदना में प्यार हुआ। इसी बीच रविकांत की आर्मी में नौकरी हो गई। इसके बाद रविकांत के घर वालों ने शादी की रजामंदी नहीं दी। फिर रविकांत की मौन सहमति के बीच वंदना से शादी हो गई। हालांकि, शादी के बाद ही रविकांत के घर वाले इस रिश्ते का विरोध करने लगे।

    रविकांत ने नवादा व वंदना ने लखीसराय फैमिली कोर्ट में दी दस्तक

    शादी के बाद रविकांत ने नवादा फैमिली कोर्ट में शादी मानने से इन्कार करते हुए केस दर्ज कराया। इधर, वंदना ने भी लखीसराय फैमिली कोर्ट में अपने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस किया। नवादा फैमिली कोर्ट ने रविकांत की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद रविकांत ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। रविकांत को राहत देते हुए कोर्ट ने उसकी जबरन हुई शादी को रद करने का फैसला सुनाया है। उधर, लखीसराय फैमिली कोर्ट ने 2020 में वंदना के पक्ष में फैसला सुनाया था।

    2017 में रविकांत ने कर ली दूसरी शादी

    भागलपुर जिले के मकनपुर में 2017 में रविकांत ने दूसरी शादी कर ली। इसकी जानकारी मिलते ही वंदना ने 2017 में फिर लखीसराय कोर्ट में अपने ससुराल वालों के विरुद्ध केस किया। इसके बाद वंदना और रविकांत के परिवार वालों के बीच रिश्ता और दरकने लगा। 2020 फैमिली कोर्ट, लखीसराय के फैसले के बाद रविकांत और वंदना का मायके और ससुराल आना-जाना शुरू हुआ। वंदना के अनुसार बीते 26 अप्रैल, 21 को उसके भाई ब्रजेश की शादी में भी रविकांत आया था और उसने बतौर पति वंदना के साथ शादी में सभी रस्में निभाई। मई, 21 में रविकांत छुट्टी के दौरान वंदना को अपने गांव रेवरा ले गया था।

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