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    Trump Tariff: आज के भारत को दबाना असंभव... ट्रंप टैरिफ को बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दिखाया आईना; पश्चिमी देशों पर कह दी बड़ी बात

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 12:57 AM (IST)

    Trump Tariff बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि पश्चिमी विद्वान भी मानते हैं कि भारत को दबाना संभव नहीं है। भारत की असली पहचान शक्ति से नहीं बल्कि ज्ञान से है। उन्होंने कहा अज्ञानी व्यक्ति अपने कर्मों में आसक्त होकर कार्य करता है लेकिन विद्वान को आसक्ति रहित होकर लोक कल्याण के लिए कर्म करना चाहिए।

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    Trump Tariff: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत को दबाना संभव नहीं है।

    संवाद सूत्र, बड़हिया (लखीसराय)। Trump Tariff बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत अपनी शक्ति से दूसरों पर आधिपत्य नहीं जमाता, बल्कि अध्यात्म और ज्ञान के माध्यम से मानव कल्याण करता है। उन्होंने कहा कि आज जो शक्तिशाली है, वह प्रभुत्व जमाने की कोशिश करता है। भारत की परंपरा ऐसी नहीं है। भारत अपनी योग्यता और क्षमता का प्रयोग केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए करता है।

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    उन्होंने कहा कि अज्ञानी व्यक्ति अपने कर्मों में आसक्त होकर कार्य करता है, लेकिन विद्वान को आसक्ति रहित होकर लोक कल्याण के लिए कर्म करना चाहिए। भारत की असली पहचान शक्ति से नहीं, बल्कि ज्ञान से है। यही कारण है कि पश्चिमी विद्वान भी मानते हैं कि भारत को दबाना संभव नहीं है।राज्यपाल सोमवार को बड़हिया नगर स्थित श्री जगदंबा हिंदी पुस्तकालय के शताब्दी वर्ष समापन सह स्मारिका शताब्दी दर्पण के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे।

    राज्यपाल ने कहा कि उन्हें बचपन से पुस्तकों से प्रेम रहा है। बड़हिया पुस्तकालय के शताब्दी समारोह का हिस्सा बनना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने इस पुस्तकालय को उस दौर का ज्ञान केंद्र बताया, जब भारत गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।

    लखीसराय पहुंचे राज्यपाल 

    • मानव जाति के कल्याण के लिए भारत की क्षमता : आरिफ मोहम्मद खान
    • बड़हिया के श्री जगदंबा हिंदी पुस्तकालय शताब्दी वर्ष समापन पर पहुंचे थे राज्यपाल
    • कहा-विद्वान को आसक्तिरहित होकर लोक कल्याण के लिए कर्म करना चाहिए

    संसाररूपी वृक्ष विष से भरा

    राज्यपाल ने कहा कि संसाररूपी वृक्ष विष से भरा है, लेकिन इससे दो अमृतरस मिलते हैं-एक पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान और दूसरा सज्जनों की संगति से मिलने वाला अनुभव। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता ही इसकी असली ताकत है। अनेक भाषाएं, संस्कृतियां और परंपराएं भारत को विशेष बनाती हैं।

    इस अवसर पर राज्यपाल ने पुस्तकालय में रखीं पुस्तकों का अवलोकन किया, विजिटर पंजी में अपनी टिप्पणी लिखी और स्मारिका शताब्दी दर्पण का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह तथा संचालन पुस्तकालय के सचिव सुरेश प्रसाद सिंह माधुर्य ने किया।

    इस मौके पर बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जगदंबा हिंदी पुस्तकालय ज्ञान, विचार और संस्कृति का प्रमुख केंद्र रहा है। श्री जगदंबा हिंदी पुस्तकालय बड़हिया की स्थापना 1929 में बड़हिया छात्र परिषद ने हाहा बंगला में की थी, जो देश की आजादी की लड़ाई का बड़ा केंद्र था। आजादी के समय मोहनदास करमचंद गांधी एवं डा. राजेंद्र प्रसाद भी यहां आकर स्वतंत्रता सेनानियों को मूल मंत्र दिए थे। उस समय के विजिटर रजिस्टर पर दोनों महापुरुषों के हस्ताक्षर अब भी हैं।