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    कभी था नंबर 1, फिर लापरवाही ऐसा की दवा आपूर्ति मामले में 7वें स्थान पर पहुंचा लखीसराय

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 02:52 PM (IST)

    लखीसराय में दवा आपूर्ति में लापरवाही के चलते स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। कभी राज्य में पहले स्थान पर रहने वाला लखीसराय अब सातवें स्थान पर आ गया है। बीएमएससीआइएल कंपनी की लापरवाही के कारण अस्पतालों में दवाओं की कमी हो गई है। मरीजों को जरूरत की दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। विभाग अब अपने स्तर पर दवा खरीदने का प्रयास कर रहा है।

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    लापरवाही से फिसला लखीसराय, दवा उपलब्धता में नंबर वन से सातवें स्थान पर

    सुमन कुमार सुमन, लखीसराय। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार लगातार प्रयासरत है। अस्पतालों को चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों और आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है।

    साथ ही अस्पतालों में निर्धारित अधिकांश दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। परंतु दवा की आपूर्ति में लापरवाही के कारण लखीसराय, जो एक वर्ष पूर्व राज्य में नंबर वन पर था, अब सातवें स्थान पर खिसक गया है।

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    स्वास्थ्य विभाग ने दवा आपूर्ति की जिम्मेदारी बीएमएससीआइएल कंपनी को दी थी। इस कंपनी से अस्पतालवार निर्धारित लक्ष्य के अनुसार दवा आपूर्ति का रेट कांट्रैक्ट किया गया, लेकिन कंपनी समय पर और पूरी मात्रा में दवा उपलब्ध कराने में नाकाम रही।

    नतीजा यह हुआ कि मरीजों को जरूरत की सभी दवाएं अस्पतालों से उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। स्थिति को देखते हुए विभाग ने जिला स्वास्थ्य समिति और सभी अस्पतालों को अपने स्तर से दवा खरीदारी करने का निर्देश दिया है।

    याद दिला दें कि जून 2024 में लखीसराय जिले ने राज्य में इतिहास रचा था। जिलाधिकारी की पहल पर तत्काल दवा की खरीदारी कराई गई थी। 15 जून 2024 को राज्य स्वास्थ्य समिति की रिपोर्ट में सदर अस्पताल लखीसराय के साथ-साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दवा की उपलब्धता में नंबर वन स्थान पर पहुंच गए थे।

    उस समय जिले के मरीजों को बड़ी राहत मिली थी। लेकिन 2025 आते-आते विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही सामने आ गई। दवा खरीदारी की प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं की गई।

    बीएमएससीआइएल कंपनी की असफलता को नजरअंदाज कर दिया गया। इसी का नतीजा है कि लखीसराय दवा उपलब्धता में सातवें पायदान पर खिसक गया है। जिले में अस्पतालवार दवा की स्थिति भी चिंता जनक है।

    सदर अस्पताल में ओपीडी के लिए 425 तरह की दवाएं उपलब्ध होनी चाहिए थी, परंतु सिर्फ 356 ही मिल पा रही हैं। इमरजेंसी के लिए निर्धारित 124 दवाओं में से 97 ही उपलब्ध हैं। यही हाल रेफरल अस्पताल बड़हिया और विभिन्न सीएचसी-पीएचसी का है, जहां निर्धारित लक्ष्य से 30-40 दवाएं कम मिल रही हैं।

    जिले के विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध दवा की समीक्षा की जाएगी। जरूरत के मुताबिक तत्काल दवा की खरीदारी कर उपलब्धता को बढ़ाया जाएगा। लक्ष्य है कि लखीसराय को पुनः नंबर वन पर लाया जाए।- डॉ. उमेश प्रसाद सिंह, प्रभारी सिविल सर्जन, लखीसराय