Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Bihar Politics: कुर्मी-धानुक और भूमिहार वोट बैंक में सेंधमारी, क्या PK बिगाड़ेंगे NDA का खेल?

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 04:11 PM (IST)

    लखीसराय के सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कुर्मी समाज से जन सुराज के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद सिंह एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। कुर्मी, धानुक और भूमिहार वोट बैंक में बंटवारे से एनडीए को नुकसान होने की आशंका है, जबकि राजद प्रत्याशी प्रेम सागर चौधरी का वोट बैंक स्थिर रहने की संभावना है।

    Hero Image

    जन सुराज नेता प्रशांत किशोर।

    जागरण संवाददाता, लखीसराय। सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र से जन सुराज ने कुर्मी समाज से प्रत्याशी खड़ा किया है। यह कुर्मी-कोईरी, धानुक सहित अन्य पिछड़ा वर्ग एनडीए का आधार वोट बैंक माना जाता है। इसी आधार पर इस बार भी एनडीए ने लखीसराय के जदयू जिलाध्यक्ष रामानंद मंडल को सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रामानंद मंडल भी धानुक समाज से आते हैं। वहीं, यदि सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र के जाति आधारित आकंड़े की बात करें तो इस क्षेत्र में कुर्मी-कोईरी तथा धानुक जाति की बड़ी आबादी है। इसके बाद भूमिहार वर्ग की भी बड़ी आबादी है।

    2020 के चुनाव परिणाम के आधार पर यदि इस बार के भी जातिगत समीकरण को देखा जाए तो इस विधानसभा क्षेत्र से इस बार कुर्मी समाज से आने वाले अमित सागर जसुपा के प्रत्याशी हैं तथा मेदनीचौकी क्षेत्र के अमरपुर गाांव से आते हैं।

    इस क्षेत्र में ही कर्मी-धानुक समाज की सर्वाधिक आबादी है। ऐसा माना जा रहा है कि अमित सागर जितना भी वोट लाएंगे, उतना नुकसान एनडीए को ही होगा। वहीं दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सबसे मजबूत चेहरा रविशंकर प्रसाद सिंह उर्फ अशोक सिंह हैं जो सूर्यगढ़ा नगर परिषद क्षेत्र के सलेमपुर गांव से आते हैं।

    वे इस बार भी चुनाव मैदान में डटे हैं तथा भूमिहार समाज के मजबूत नेता माने जाते हैं। 2020 के विस चुनाव में उन्हें 44 हजार से अधिक वोट प्राप्त हुआ था। इस प्रकार वे भूमिहार समाज का समर्थन प्राप्त करेंगे तथा इससे भी एनडीए को ही नुकासन पहुंचेगा।

    वहीं, दूसरी ओर राजद प्रत्याशी प्रेम सागर चौधरी यादव समाज से आते हैं। इनके आधार वोट बैंक में इस बार भी कोई परिवर्तन होता दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में इस बार एनडीए के आधार वोट बैंक में खासकर कुर्मी-कोईरी, धानुक तथा भुमिहार समाज में सेंघमारी एनडीए पर भारी पड़ सकती है।

    यह भी पढ़ें- Bihar Politics: लालू-तेजस्वी को झटका, 2 विधायकों ने बदला पाला; एक ने थामा 'तीर' तो दूसरे ने 'कमल'