माओवादी रावण कोड़ा ने किया सरेंडर, 15 साल से फरार 3 लाख के इनामी के खिलाफ दर्ज हैं 26 केस
Bihar News बिहार के लखीसराय में तीन लाख रुपये के इनामी माओवादी रावण कोड़ा ने शनिवार को सरेंडर कर दिया। उसने स्थानीय एसपी के सामने आत्मसर्पण किया। इस दौरान रावण की पत्नी और बच्चे भी मौजूद रहे। उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया। बता दें कि कोड़ा मुखिया परमानंद टुड्डू की गला काटकर हत्या के मामले में आरोपी था।
संवाद सहयोगी, लखीसराय। तीन लाख का इनामी व 15 वर्षों से फरार माओवादी रावण कोड़ा ने लखीसराय के एसपी अजय कुमार के समक्ष शनिवार को आत्मसमर्पण किया। लखीसराय जिले के कजरा थाना क्षेत्र के शीतला कोड़ासी निवासी माओवादी रावण कोड़ा के खिलाफ लखीसराय, जमुई एवं मुंगेर जिले के थानों में कुल 26 नक्सल केस दर्ज हैं।
माओवादी रावण कोड़ा की सक्रियता बिहार के अलावा छत्तीसगढ़ एवं झारखंड में भी काफी रही। लखीसराय में वर्ष 1913 में कुंदर हाल्ट के निकट धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन में नक्सल घटना को उसने पहली बार अंजाम दिया था।
इसके बाद लखीसराय के कजरा, पीरी बाजार एवं चानन थाना के अलावा मुंगेर के शामपुर, बरियारपुर, लड़ैयाटांड, हवेली खड़गपुर, जमुई के बरहट एवं खैरा थाना क्षेत्र में लगातार नक्सल घटना को अंजाम दिया।
वर्ष 2021 में मुंगेर जिले के अजीमगंज के मुखिया परमानंद टुड्डू की गला काटकर हत्या करने के मामले में भी रावण कोड़ा आरोपित था।
तीन लाख के इनामी और 15 वर्षों से फरार माओवादी रावण कोड़ा ने किया आत्मसमर्पण।
रावण कोड़ा के आत्मसमर्पण करने के बाद लखीसराय के एसपी अजय कुमार, एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक रमाकांत प्रसाद, वरीय पुलिस उपाधीक्षक सुनील कुमार शर्मा एवं एसएसबी के अधिकारियों ने रावण कोड़ा एवं उसकी पत्नी और बच्चे को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।
आत्मसमर्पण के दौरान माओवादी रावण कोड़ा ने कहा कि वह पिछले 15 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़ा था। उसने कहा कि एसटीएफ के कहने पर उसने जंगल छोड़ आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा में लौटने का निर्णय लिया है। रावण कोड़ा की पत्नी, बच्चे और घरवाले भी उसके फैसले से काफी खुश थे।
पुनर्वास नीति के तहत रावण कोड़ा को मिलेगा लाभ
उग्रवादियों के समर्पण एवं पुनर्वासन नीति के तहत देय अन्य सुविधाओं के अतिरिक्त रावण कोड़ा को 2,50,000 रुपये इनके खाते में तथा इनके ऊपर घोषित तीन लाख रुपये एवं रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भत्ता अधिकतम 36 माह तक प्रत्येक माह 10,000 रुपये कुल 3,60,000 रुपये वित्तीय सहायता प्रदान की की जा रही है।
जिला अंतर्गत नक्सल क्षेत्रों में एसटीएफ, एसएसबी और जिला पुलिस की टीम द्वारा लगातार सर्च अभियान से नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है। लखीसराय के एसपी अजय कुमार ने अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में उक्त जानकारी मीडिया से साझा की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।