बिहार सरकार के कैलेंडर में राजकीय स्मारक लाली पहाड़ी शामिल
जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भेंट की बिहार डायर

जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भेंट की बिहार डायरी और कैलेंडर बिहार सरकार की वर्ष 2021 के जारी कैलेंडर में लखीसराय सहित राज्य के 10 जिलों के ऐतिहासिक धरोहरों को मिली है जगह संवाद सहयोगी, लखीसराय : राज्य सरकार हर वर्ष बिहार डायरी और कैलेंडर जारी करती है। इस बार भी नए साल के पहले दिन राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजधानी पटना में वर्ष 2021 का बिहार डायरी और कैलेंडर का लोकार्पण किया गया था। सोमवार को जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी ब्रजेश विकल ने जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार को बिहार सरकार की डायरी और कैलेंडर भेंट किया। इस दौरान डीएम कक्ष में वरीय उप समाहर्ता प्रेमलता भी मौजूद थी। डीपीआरओ ने जैसे ही जिलाधिकारी को बिहार डायरी और कैलेंडर भेंट की डीएम उत्सुकता के साथ कैलेंडर के हर पन्ने को पलटने लगे। कैलेंडर के आठवें पेज पर राजकीय स्मारक लाली पहाड़ी लखीसराय की तस्वीर देख काफी उत्साहित हुए। डीएम ने काफी बारीकी से लाली पहाड़ी के उस पन्ने को देखा जिसमें खोदाई में मिले बौद्ध बिहार का चित्रण था। पन्ने के ऊपर वर्ष 2017 में लाली पहाड़ी पर आकर खोदाई कार्य का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके साथ मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन की तस्वीर भी लगी हुई है। डीपीआरओ ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा हर वर्ष राज्य सरकार द्वारा बिहार डायरी और कैलेंडर जारी किया जाता है। कैलेंडर में बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को समाहित किया जाता है। इस बार के जारी कैलेंडर में लखीसराय के ऐतिहासिक राजकीय स्मारक लाली पहाड़ी को भी जगह मिली है। लाली पहाड़ी के पुरातात्विक उत्खनन के दौरान यहां बौद्ध विहार की खोज की गई की है। गंगा घाटी में पहाड़ी पर स्थित यह पहला उत्खनित बौद्ध विहार है जो लाली पहाड़ी के रूप में जाना जाता है। यह आठवीं और 13वीं सदी कालखंड को प्रमाणित करता है। क्षेत्रीय सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के प्रयास से पहाड़ी की खोदाई वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई थी। इसके बाद वर्ष 2018 में भी मुख्यमंत्री ने लाली पहाड़ी पर आकर खोदाई कार्य का अवलोकन किया था। तीन चरणों में पहाड़ी का खोदाई कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सरकार के वार्षिक कैलेंडर में लखीसराय के लाली पहाड़ी के अलावे भागलपुर जिले के गुवारीडीह, बांका के भदरिया, राजगीर के साईक्लोपीयन वॉल, नालंदा के तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय, रोहतास के रोहतास गढ़ एवं शेरगढ़, मधुबनी के बलीरायगढ़, सारण के चिरांद, वैशाली के चेचर और विशालगढ़ , बक्सर के चौसा के प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों को दर्शाया गया है।
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