बड़ी दुर्गा मंदिर में बिराजती हैं नव दुर्गा, भक्तों की पूरी होती मन्नतें
लखीसरायच् शहर के हृदय स्थल नया बाजार दालपट्टी में बड़ी दुर्गा महारानी का भव्य मंदिर स्थापित है

लखीसरायच् शहर के हृदय स्थल नया बाजार दालपट्टी में बड़ी दुर्गा महारानी का भव्य मंदिर स्थापित है। श्री संयुक्त समिति बड़ी दुर्गा पूजा समिति के तत्वावधान में यहां पूजा होती है। बताया जाता है कि 128 वर्ष पूर्व मां दुर्गा के एक भक्त ने 1893 में मंदिर की स्थापना की थी। इसके पूर्व से ही यहां पौराणिक काल से देवी की पूजा की बातें कही जाती रही है। वर्ष 2000 में मंदिर का नव निर्माण पूजा समिति की देखरेख में प्रारंभ हुआ जो निरंतर जारी है। मंदिर की भव्यता व नक्काशी आज भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस बार दुर्गा पूजा में मंदिर की सजावट और बेलभरणी जुलूस काफी भव्य और आकर्षक होगा। जिसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है। मंदिर के अलावे मुख्य मार्ग को भी रंगीन बल्बों से सजाया जा रहा है। मंदिर में नवरात्र शुरू होते शहनाई और ढोल की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया है।
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पौराणिक बड़ी देवी मंदिर से जुड़ी है लोगों की आस्था
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अनिल कुमार साहू के अनुसार यह शहर का पहला पौराणिक देवी मंदिर है। यहां से लोगों की आस्था जुड़ी है और प्रत्येक मंगलवार को मां की विशेष आरती पूजन की जाती है। शारदीय नवरात्र के मौके पर भव्य मेला लगता है। शहर का पहला देवी मंदिर है जहां नव दुर्गा विराजती हैं। बड़ी देवी जी के रूप में हर श्रद्धालुओं की आस्था बन चुकी मां भगवती की पूजा-अर्चना विद्वान ब्राह्मणों की देखरेख में पवित्रता के साथ हर साल होती है। नवरात्र की अष्टमी एवं नवमी को महिला श्रद्धालु बड़ी दुर्गा को खोईंचा भरकर मनौती मांगती है। बताया जाता है कि मां की आस्था यहां लोगों को खुद खींच लाती है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्री संयुक्त समिति की देखरेख में बड़ी दुर्गा मंदिर को रंगीन बल्बों से आकर्षक सजावट की जा रही है।
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भव्य और आकर्षक होगा बेलभरणी जुलूस
108 फीट ऊंचा यह मंदिर रात के अंधेरे में दुधिया बल्ब की रोशनी में दूर से ही अपनी कला को प्रदर्शित करता है। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अनिल कुमार साहू ने बताया कि इस बार मंदिर की सजावट और बेलभरणी जुलूस काफी भव्य और शहर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। जुलूस में घोड़ा, बैंड बाजा, ढोल के अलावा झारखंड का चर्चित ढोल पार्टी शामिल होगा।
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