लखीसराय में सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए सख्त कदम, अब पार्षदों के यहां सफाई कर्मियों को लगानी होगी हाजिरी
लखीसराय नगर परिषद ने सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए नई पहल की है। सफाई कर्मचारियों को अब ड्यूटी से पहले वार्ड पार्षदों के यहाँ हाजिरी लगानी होगी। पार्षदों की रिपोर्ट के आधार पर ही भुगतान होगा। हर साल सफाई पर आठ करोड़ खर्च होने के बावजूद स्थिति खराब है। पार्षदों ने एजेंसी की मनमानी पर सवाल उठाए हैं। ड्यूटी से गायब रहने वालों का वेतन कटेगा।

संवाद सहयोगी, लखीसराय। नगर परिषद लखीसराय ने शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए नई पहल शुरू की है। अब सफाई कर्मियों को ड्यूटी शुरू करने से पहले रोज अपने-अपने वार्ड पार्षद के यहां हाजिरी लगानी होगी।
सफाई कार्य की निगरानी और भुगतान पूरी तरह से पार्षदों की उपस्थिति रिपोर्ट पर आधारित होगा। नगर परिषद हर साल सफाई पर आठ करोड़ से अधिक राशि खर्च करती है। आउटसोर्सिंग एजेंसी और मास्टर रोल कर्मियों के जरिए सफाई कार्य कराया जाता है। बावजूद इसके शहर की स्थिति बदहाल बनी हुई है।
वार्ड पार्षदों ने एजेंसी की मनमानी और खानापूर्ति पर सवाल उठाते हुए सफाई व्यवस्था को हाशिये पर बताया है। नगर परिषद बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मियों का मानदेय और मजदूरी काटा जाएगा। सफाई कार्य बाधित होने पर एजेंसी की राशि में भी कटौती होगी।
सुपरवाइजर कागजों तक सीमित
दावे के मुताबिक, हर दिन हर वार्ड में 6 सफाई मजदूर भेजे जाते हैं। एजेंसी ने इसके लिए दो दर्जन से अधिक सुपरवाइजर भी तैनात किए हैं। लेकिन उनका काम केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है। सफाई व्यवस्था जमीनी स्तर पर प्रभावी नहीं हो पा रही है। अब पार्षदों को निगरानी की जिम्मेदारी देकर जवाबदेही तय की गई है।
पार्षदों की शिकायत
वार्ड पार्षद कौशल किशोर, सुनील कुमार, गौतम कुमार और संतोष कुमार का कहना है कि एजेंसी के संचालक से लेकर सुपरवाइजर और सफाई मजदूर तक किसी पर नियंत्रण नहीं है। पार्षदों की बात भी अनसुनी कर दी जाती है। इसी कारण शहर की सफाई व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है।
शहर की स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता है। कई वार्डों से सफाई कार्य में लापरवाही की शिकायत मिली थी। इस कारण सभी पार्षदों को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। अब उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही एजेंसी और मास्टर रोल कर्मियों का भुगतान किया जाएगा। शहर को स्वच्छ बनाए रखने में सबका सहयोग जरूरी है। - अरविंद पासवान, नप सभापति, लखीसराय
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