Mokama Munger Highway: मोकामा-मुंगेर NH-80 पर सफर करने वालों के लिए राहत, किऊल तटबंध पर बनेगा बाईपास
लखीसराय जिले में किऊल नदी के किनारे सुरक्षा तटबंध पर बाईपास सड़क बनाने की योजना है। यह बाईपास सूर्यगढ़ा और मेदनी चौकी बाजार में जाम से निजात दिलाएगा। एनएच 80 को मरीन ड्राइव से जोड़ने की भी योजना है। विधान पार्षद अजय कुमार सिंह ने यह प्रस्ताव दिया है। स्थानीय लोग इस सड़क निर्माण से उत्साहित हैं। प्रशासन ने सहमति जताई राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है।

मृत्युंजय मिश्रा, लखीसराय। मोकामा-मुंगेर राष्ट्रीय राजमार्ग-80 पर सफर करने वालों के लिए राहत की खबर है। लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड में किऊल नदी के किनारे बने सुरक्षा तटबंध पर बाईपास सड़क निर्माण की योजना तैयार की गई है।
यह बाईपास सूर्यगढ़ा और मेदनी चौकी बाजार में जाम की समस्या से निजात दिलाएगा और यात्रियों को एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगा। अभी इस मास्टर प्लान पर काम चल रहा है। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद यह योजना धरातल पर उतरेगी।
तटबंध पर बनेगा बाईपास, आगे जुड़ेगा मरीन ड्राइव से
एनएच 80 गोंदरी पुल मानुचक के पास से शुरू होकर मुंगेर जिले की सीमा तक जाने वाली यह बाईपास सड़क किऊल नदी के तटबंध पर बनाया जाएगा। यह तटबंध लखीसराय जिले की सीमा पर समाप्त होता है और यहीं से मुंगेर जिले की सीमा शुरू होती है।
बाईपास सड़क बनने के बाद इसे आगे मुंगेर-भागलपुर के बीच प्रस्तावित मरीन ड्राइव से जोड़ने की योजना है। राज्य सरकार पहले ही मरीन ड्राइव बनाने की घोषणा कर चुकी है। इससे लखीसराय, मुंगेर और भागलपुर जिलों के बीच सड़क संपर्क बेहतर होगा और सफर में लगने वाला समय भी घटेगा।
विधान पार्षद ने दिया प्रस्ताव, मंत्री से हुई बातचीत
विधान पार्षद अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस बाईपास सड़क का प्रस्ताव उन्होंने पथ निर्माण विभाग को दिया है। उन्होंने पथ निर्माण मंत्री से मुलाकात कर योजना पर विस्तार से चर्चा की। सिंह का कहना है कि यह बाईपास सड़क सूर्यगढ़ा और मेदनी चौकी बाजार के जाम से निजात दिलाएगी।
साथ ही, किऊल नदी के तटबंध पर सड़क बन जाने से भविष्य में मोकामा-मुंगेर वाया लखीसराय का वैकल्पिक रूट तैयार होगा। एनएच 80 की उत्तरी दिशा के गांव के लोगों को बाढ़ से भी बचाव हो सकेगा। यदि राज्य सरकार इस पर सहमति देती है तो क्षेत्र के लाखों लोग लाभान्वित होंगे।
स्थानीय लोग जता रहे उम्मीदें
सड़क निर्माण की संभावना से स्थानीय लोग काफी उत्साहित हैं। गोंदरी पुल के पास रहने वाले किसान मुकेश कुमार कहते हैं, सूर्यगढ़ा बाजार में हर रोज जाम लगता है। यदि यह बाईपास बनता है तो हम सीधे मेदनी चौकी पार कर सकेंगे। इससे समय और खर्च दोनों में बचत होगी।
वहीं, मेदनी चौकी के व्यवसायी संजय सिंह कहते हैं, त्योहारों और हाट-बाजार के दिनों में एनएच 80 पूरी तरह जाम हो जाता है। बाईपास से व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को राहत मिलेगी।
प्रशासन ने जताई सहमति, राज्य सरकार की मंजूरी बाकी
लखीसराय प्रशासन ने भी इस प्रस्ताव को उपयोगी बताते हुए तकनीकी पहलुओं की समीक्षा शुरू कर दी है। अगर राज्य सरकार की मंजूरी मिलती है तो आने वाले दिनों में यह बाईपास न केवल जिले के लिए बल्कि पूर्व बिहार, मगध के अलावा झारखंड के कुछ जिलों के लिए वरदान साबित होगा।
किऊल नदी तटबंध पर दिखेगा मरीन ड्राइव जैसा लुक
किऊल नदी के तटबंध पर प्रस्तावित सड़क निर्माण से इलाके का नजारा मरीन ड्राइव जैसा हो जाएगा। तटबंध से सटकर बहती किऊल नदी का सौंदर्य इस मार्ग को खास आकर्षण देगा। सड़क के किनारे-किनारे हरियाली और दियारा क्षेत्र के खुले मैदान इसे पर्यटन के लिहाज से भी उपयोगी बनाएंगे।
स्ट्रीट लाइटिंग और सजावट से यह क्षेत्र रात में भी जगमगाएगा। स्थानीय लोग इसे शहरों की तरह नया सैर-सपाटे का केंद्र मान रहे हैं। निर्माण कार्य पूरा होते ही यह मार्ग क्षेत्र की पहचान बन सकता है।
सत्ता की नहीं, विकास की भूख है : अजय कुमार सिंह
बिहार विधान परिषद सदस्य अजय कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें सत्ता और कुर्सी की भूख नहीं है, बल्कि उनके भीतर सिर्फ विकास की भूख है। यह इलाका उनकी जन्मभूमि है और अब जब सेवा का अवसर मिला है तो वह इसे अपनी कर्मभूमि बनाकर हर हाल में विकास कार्यों को गति देना चाहते हैं। मैंने खुद को क्रेडिटवार की राजनीति से अलग कर लिया है।
मंत्री से लेकर सरकार तक बार-बार अनुशंसा और आरजू-मिन्नत कर रहा हूं ताकि जनहित के कार्य पूरे हों। सूर्यगढ़ा बाईपास का निर्माण मेरा सपना है, जिसे साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूं।
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