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    Bihar News: 'हम नहीं सुधरेंगे' की तर्ज पर काम कर रहे डॉक्टर, पिछले महीने हुई थी नियुक्ति; अब कर रहा ये खेल

    By Suman Kumar Suman Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 19 Jul 2025 02:32 PM (IST)

    लखीसराय सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही जारी है जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। रोस्टर के अनुसार ड्यूटी पर कई डॉक्टर अनुपस्थित थे। महिला ओपीडी में देरी हुई अन्य विभागों में भी मरीजों को इंतजार करना पड़ा। विशेषज्ञ डॉक्टर भी गायब रहे और नए डॉक्टर भी पुराने डॉक्टरों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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    चिकित्सकों की उपस्थिति में नहीं हो रहा सुधार, मरीज हो रहे बेहाल। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, लखीसराय। जिले के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही और मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष सह जिलाधिकारी और सचिव सह सिविल सर्जन के कार्यालय और आवास से महज चंद कदम की दूरी पर स्थित इस अस्पताल में स्थिति बदतर है।

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    यहां डॉक्टर 'हम नहीं सुधरेंगे' की तर्ज पर काम कर रहे हैं, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

    शुक्रवार को जारी रोस्टर के अनुसार सदर अस्पताल में 10 डॉक्टरों की ड्यूटी थी, लेकिन हकीकत में महज चार डॉक्टर ही मौजूद थे। महिला ओपीडी में ड्यूटी पर तैनात डॉ. स्नेहिल दो गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन ऑपरेशन करने ऑपरेशन थियेटर में चली गईं, जिसके कारण महिला मरीज करीब एक घंटे तक डॉक्टर का इंतजार करती रहीं।

    इस दौरान हड्डी के दर्जनों मरीज लाइन में खड़े होकर घंटों डॉक्टर का इंतजार करते रहे। डॉ. संगीता राय सामान्य ओपीडी में ड्यूटी पर थीं और अकेले मरीजों का इलाज करती नजर आईं। डॉ. अमरेश कुमार ड्यूटी से गायब थे। डॉ. शादाब हुसैन ने शिशु रोग ओपीडी में ड्यूटी की, जबकि दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार उपाध्याय को विभागीय कार्य के लिए सचिवालय भेज दिया गया।

    विशेषज्ञ डॉक्टर भी रहे अनुपस्थितरोस्टर के अनुसार शुक्रवार को सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ और ईएनटी विशेषज्ञ ड्यूटी पर थे। संबंधित मरीज इलाज के लिए आए, लेकिन डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

    गौरतलब है कि एक माह पहले नौ नए डॉक्टरों ने सदर अस्पताल में योगदान दिया है। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें रोस्टर में शामिल किए बिना प्रतिदिन ड्यूटी करने का निर्देश दिया था, लेकिन पुराने डॉक्टरों के नक्शेकदम पर चलते हुए नए डॉक्टर भी ड्यूटी से गायब रहने लगे हैं।