Lakhisarai News: शिक्षा विभाग के कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग, भाकपा ने दायर की जनहित याचिका
लखीसराय शिक्षा विभाग में हुए कथित घोटाले के खिलाफ भाकपा ने पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। भाकपा ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में विद्यालय सुदृढ़ीकरण योजनाओं में करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगाया है। पार्टी ने सीबीआई जांच की मांग की है ताकि घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिल सके।
संवाद सहयोगी, लखीसराय। लखीसराय शिक्षा विभाग में हुए कथित घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ अब मामला पटना उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 17 अगस्त 2025 को उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है।
भाकपा बिहार राज्य नेता जितेंद्र कुमार और जिला कार्यकारिणी सदस्य रजनीश कुमार ने आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान विद्यालय सुदृढ़ीकरण योजनाओं में करोड़ों रुपये का गबन हुआ। विद्यालय भवन निर्माण, मरम्मत, रसोईघर, शौचालय और बिजलीकरण जैसी योजनाओं में फर्जी प्राक्कलन, माप पुस्तिका और आपूर्ति विपत्र तैयार किए गए।
यहां तक कि कई मामलों में प्रधानाध्यापकों के जाली हस्ताक्षरों से कार्य-उपयोगिता प्रमाणपत्र तक बनवाए गए। नेताओं ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और संवेदकों ने मिलकर एक संगठित आपराधिक षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि का दुरुपयोग किया। विद्यालय विकास निधि से भी बड़े पैमाने पर अवैध निकासी की गई। कई फर्जी संवेदकों के नाम पर भी भुगतान दर्शाया गया।
भाकपा नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने महागठबंधन के संयुक्त आंदोलन के दबाव में केवल औपचारिक प्राथमिकी दर्ज की और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उल्टे जिला प्रशासन ने संरक्षण देकर साक्ष्य मिटाने का काम किया। आरोप तो यहां तक लगाए गए कि स्थानीय विधायक के रिश्तेदार से जुड़े मामले की संचिका तक गायब करा दी गई। इन्हीं परिस्थितियों में भाकपा ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह और उनकी टीम अधिवक्ता राजेश कुमार, प्रसून शेखर और अंकित कुमार ने रजनीश कुमार बनाम बिहार सरकार शीर्षक से याचिका दायर की है।
इसमें मांग की गई है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराई जाए, ताकि घोटाले के जिम्मेदार सभी लोगों को बेनकाब किया जा सके। भाकपा ने कहा कि शिक्षा विभाग से जुड़ा यह मामला न केवल वित्तीय भ्रष्टाचार का है बल्कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का भी है। ऐसे में दोषियों को सख्त सजा दिलाना ही न्याय होगा।
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