सरकारी अस्पताल में नहीं रुक रहा लापरवाही का खेल, ऑटो में हुआ बच्चे का जन्म; सिस्टम ने गर्भवती महिला को ऐसे किया गुमराह
लखीसराय सदर अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव महिला को एचआईवी संक्रमित बताकर लौटा दिया गया जिसके कारण उसने ऑटो में ही बच्चे को जन्म दिया। जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच टीम गठित की गई है और मामले की जांच जारी है। दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच में एंबुलेंस चालक और आशा कार्यकर्ताओं से पूछताछ की जा रही है।

जागरण संवाददाता, लखीसराय। लखीसराय सदर अस्पताल में अमानवीय लापरवाही का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सूर्यगढ़ा सीएचसी से रेफर की गई हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव प्रसव पीड़िता को ड्यूटी पर तैनात जीएनएम ने एचआईवी संक्रमित बताकर लौटा दिया, जिसके बाद महिला ने रास्ते में ही ऑटो में बच्चे को जन्म दे दिया।
जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित जांच टीम ने अब पूरे मामले में तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। सिविल सर्जन और डीपीएम के संयुक्त हस्ताक्षर से गठित तीन सदस्यीय टीम ने 102 एंबुलेंस चालक और उस आशा को सदर अस्पताल बुलाया है, जो सात अगस्त को प्रसव पीड़िता को अस्पताल लेकर आई थी।
उनसे घटना की पूरी जानकारी ली जाएगी। उधर, ड्यूटी पर तैनात जीएनएम अपर्णा सिन्हा और लूसी कुमारी ने उपाधीक्षक कार्यालय में लिखित स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि 29 जुलाई को एंबुलेंस चालक ने प्रसव पीड़िता को एचआईवी पॉजिटिव बताया था।
रजिस्ट्रेशन के बाद महिला वापस नहीं लौटी और न ही जीएनएम ने उसकी खोजबीन की और न ही अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना दी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, नियमानुसार महिला के प्रसव वार्ड में पहुंचते ही उसे भर्ती कर प्रसव की व्यवस्था की जानी चाहिए और यहां पैथोलॉजी जांच के लिए ब्लड सैंपल लेना अनिवार्य है। लेकिन इस मामले में न तो भर्ती की प्रक्रिया हुई और न ही प्रशासन को तत्काल सूचना दी गई।
जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. श्रीनिवास शर्मा, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. राकेश कुमार और डीपीएम अरविंद कुमार राय की टीम मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद दोषी कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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