Lakhisarai News: जिला परिषद की दुकानों पर शिकंजा, बकाया किराया नहीं देने वाले होंगे बेदखल
लखीसराय में जिला परिषद की दुकानों पर शिकंजा कस दिया गया है। बकाया किराया नहीं देने वाले दुकानदारों को बेदखल करने की तैयारी है। जिला प्रशासन ने सभी दुक ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, लखीसराय। जिला परिषद लखीसराय अपनी परिसंपत्तियों को सुरक्षित रखने और राजस्व बढ़ाने को लेकर लगातार सख्त कदम उठा रही है। इसी क्रम में जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी सुमित कुमार ने जिला परिषद की दुकानों का संचालन कर रहे दुकानदारों को 20 दिसंबर तक छह माह से अधिक अवधि का बकाया किराया अनिवार्य रूप से जमा करने का नोटिस जारी किया था।
निर्धारित तिथि तक किराया जमा नहीं करने वाले दुकानदारों को अवैध मानते हुए बेदखली की कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। डेडलाइन समाप्त होने के बावजूद जिला परिषद की कुल 441 दुकानों में से अधिकांश दुकानदारों ने बकाया किराया जमा नहीं किया है। इनमें सबसे अधिक संख्या पुरानी बाजार के उन 100 से अधिक दुकानदारों की है, जो जिला परिषद की दुकानों को भाड़े पर देकर हर माह मोटी रकम किराए के रूप में वसूल रहे हैं, लेकिन जिला परिषद को निर्धारित किराया नहीं दे रहे हैं।
वहीं, शहीद द्वार के पास भी दो दर्जन से अधिक दुकानदारों पर वर्षों से किराया लंबित है। जिला परिषद अब ऐसे दुकानदारों से सख्ती से निपटने की तैयारी में है।
डीडीसी द्वारा पूर्व में सभी दुकानदारों को दुकान का इकरारनामा कराने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसमें भी अधिकांश दुकानदारों ने रुचि नहीं दिखाई। अब तय समय-सीमा समाप्त हो चुकी है, जिसके बाद जिला परिषद नीलाम वाद और मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है।
जानकारी के अनुसार, दुकानदारों द्वारा वर्षों से 50 से 60 लाख रुपये से अधिक किराया बकाया है। बकाएदार दुकानों पर कार्रवाई के लिए डीडीसी के निर्देश पर जिला स्तर पर एक जांच टीम का गठन किया गया है, जो दुकानों की स्थिति और किराया भुगतान की जांच करेगी।
जिला परिषद अधीन सभी दुकानों का व्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। दुकानदारों को बकाया किराया जमा करने और दुकान का इकरारनामा कराने का पर्याप्त अवसर दिया गया है। इसके बावजूद यदि कोई दुकानदार इकरारनामा नहीं करता है तो उसे अवैध माना जाएगा। 21 दिसंबर 2025 से 26 फरवरी 2026 तक नए सिरे से इकरारनामा कराने का समय दिया गया है। किसी दुकानदार का अहित न हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन सभी को नियमों के तहत ही दुकान का संचालन करना होगा। - सुमित कुमार, डीडीसी, लखीसराय

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