समाज को नई दिशा देने वाली जीविका को मिलेगा पुरस्कार
लखीसराय। महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर महाजनों के चंगुल से मुक्त कराने में जीविका संगठन अहम भूमिका निभा ...और पढ़ें

लखीसराय। महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर महाजनों के चंगुल से मुक्त कराने में जीविका संगठन अहम भूमिका निभा रहा है। नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने एवं शौचालय निर्माण कार्य को भी गति देने में भी जीविका अहम योगदान दे रही है। इसको लेकर सरकार ने समाज को नई दिशा देने वाली जिले के तीन जीविका ग्राम संगठन एवं चार जीविका स्वयं सहायता समूह को पुरस्कार देने के लिए चयनित किया है। पुरस्कार के लिए चयनित जीविका ग्राम संगठन
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हलसी प्रखंड अंतर्गत बंडोल गांव की फुलवारी जीविका ग्राम संगठन ने नशा के सौदागरों को पुलिस के हवाले हवाले कर गांव को मद्य निषेध बनाने की दिशा में सराहनीय कदम उठाया। बड़हिया प्रखंड अंतर्गत जैतपुर गांव का निर्मल जीविका ग्राम संगठन ऋण की ससमय अदायगी कर जीविकोपार्जन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। लखीसराय प्रखंड अंतर्गत महिसोना गांव का अराधना जीविका ग्राम संगठन ने लोगों को जागरूक कर खुले में शौचमुक्त बनाने में सराहनीय कार्य किया है। पुरस्कार के लिए चयनित जीविका स्वयं सहायता समूह
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रामगढ़चौक प्रखंड अंतर्गत तेतरहट गांव स्थित अंबे जीविका स्वयं सहायता समूह एवं पिपरिया प्रखंड अंतर्गत सैदपुरा गांव स्थित चंद्रवंशी जीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाएं समूह से आर्थिक सहायता लेकर आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर है। साथ ही समूह की 95 फीसद से अधिक सदस्यों ने अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण कराया है। चानन प्रखंड अंतर्गत इटौन गांव स्थित साईं जीविका स्वयं सहायता समूह के सभी सदस्य अपने-अपने घरों में शौचालय निर्माण कराते हुए संपूर्ण गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है। सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत जकड़पुरा पंचायत के मानूचक गांव का कुसुम जीविका स्वयं सहायता समूह के सदस्य जीविका से जुड़ने के बाद हस्ताक्षर करना सीखा। वर्तमान समय में समूह के सभी सदस्य साक्षर हैं। संबंधित पोषक क्षेत्र उक्त स्वयं सहायता समूह के प्रयास से खुले में शौचमुक्त हुआ है। क्या कहते हैं पदाधिकारी
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जीविका की डीपीएम अनिता कुमारी की मानें तो जीविका ग्राम संगठन एवं जीविका स्वयं सहायता समूह स्वावलंबी होने के साथ-साथ समाज को नई दिशा देने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। बेहतर कार्य करने वाले ग्राम संगठन एवं स्वयं सहायता समूह को पुरस्कृत किया जाता है ताकि प्रेरित होकर अन्य संगठन भी बेहतर कार्य कर सकें।

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