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    Lakhisarai News: गुलनी गांव विकास के नक्शे से गायब, योजनाएं कागजों में कैद

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 03:14 PM (IST)

    लखीसराय के रामगढ़ चौक प्रखंड का गुलनी गांव विकास से वंचित है। गांव में नल-जल योजना विफल है, केवल 100 घरों तक ही पानी पहुंच रहा है। गांव में जन वितरण प ...और पढ़ें

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    अमित कुमार, रामगढ़ चौक (लखीसराय)। रामगढ़ चौक प्रखंड मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर तेतरहाट पंचायत का गुलनी गांव (वार्ड संख्या 1, 2 व 3) विकास के तमाम दावों की पोल खोल रहा है। लगभग 600 घरों वाले इस गांव में 1,400 मतदाता हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं। नल-जल योजना का हाल यह है कि केवल करीब 100 घरों में ही पानी पहुंच रहा है, जबकि शेष 500 घर पीएचईडी विभाग के भरोसे हैं।

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    गली-गली बिछे पाइप घटिया और जर्जर होकर बेकार साबित हो रहे हैं, लेकिन न जनप्रतिनिधियों को चिंता है और न ही विभागीय अधिकारियों को। गांव में एक भी जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) केंद्र नहीं है। कार्डधारियों को तीन किलोमीटर दूर तेतरहाट बाजार से राशन लाना पड़ता है। शिक्षा की स्थिति भी चिंताजनक है। गांव में आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की सुविधा है, इसके बाद छात्रों को मैट्रिक के लिए तेतरहाट बाजार जाना पड़ता है।

    तीनों वार्ड में एक भी स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं है, मजबूरन ग्रामीणों को तेतरहाट हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या लखीसराय सदर अस्पताल का रुख करना पड़ता है। गांव के तीन सरकारी तालाबों में से दो पर अतिक्रमण कर मिट्टी भर दी गई है। एकमात्र बचा तालाब भी बिना सुंदरीकरण के उपेक्षा का शिकार है। दो समुदायों के लोग इस गांव में रहते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी सभी के लिए समान परेशानी बन चुकी है।

    ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

    गांव तक पक्की सड़क बनी है, लेकिन यादव टोला सामुदायिक भवन से आगे 300 मीटर की सड़क नर्क में तब्दील है। बरसात में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारी ने झांककर नहीं देखा। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हैं। आवागमन बाधित होने से गांव की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है। यह सड़क गांव की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। - सुधीर कुमार, ग्रामीण

    गांव में जल जमाव रोकने के लिए बांध की सख्त जरूरत है। करीब 10 बीघा खेत आज भी पानी में डूबा हुआ है। फसल बर्बाद होने की कगार पर है। दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं, लेकिन एक सेविका केंद्र छोड़ घर से संचालन करती है। पोषण के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूरी हो रही है। चावल उठाव होता है, लेकिन बच्चों तक नहीं पहुंचता। - मुकेश यादव, ग्रामीण

    बिजली आपूर्ति ठीक है, लेकिन कई जगह पोल ही नहीं है। किसान बांस की बल्ली के सहारे सिंचाई को मजबूर हैं। बिजली विभाग आए दिन आपत्ति करता है। सिंचाई सबसे बड़ी समस्या बन गई है। धान कट चुका है, लेकिन पैक्स धान खरीद नहीं रहे। किसानों की मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा है। - रंजीत कुमार यादव, ग्रामीण

    गांव में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। साफ-सफाई नाम की चीज नहीं है। स्वच्छता कर्मी सिर्फ कागज पर बहाल हैं। पैसे की निकासी हो रही है, काम शून्य है। कई पात्र परिवारों को अब तक इंदिरा आवास नहीं मिला। नाली नहीं होने से जलनिकासी ठप है। - मु. आरिफ, ग्रामीण

    क्या बोलीं मुखिया?

    तेतरहाट पंचायत की मुखिया रामवती देवी ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ पंचायतवासियों को दिया जा रहा है और जहां भी समस्या आती है, उसका समाधान किया जा रहा है। समस्याएं हैं लेकिन प्राथमिकता तय करके उसे दूर किया रहा है। यह भी सच है यह पंचायत प्रशासनिक स्तर पर उपेक्षित है। बावजूद मेरी ओर से प्रयास जारी हैं।