धान की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें और क्या न करें? कृषि एक्सपर्ट ने बताया सबकुछ
अच्छी पैदावार के लिए धान की फसल को समय पर खरपतवारों से बचाना ज़रूरी है। पौधा संरक्षण विभाग की सहायक निदेशक रीमा कुमारी ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए कई सुझाव दिए हैं। उन्होंने रोपाई के तीन दिन के अंदर ब्यूटाक्लोर या प्रेटिलाक्लोर और सीधी बुआई के लिए पेंडीमेथालिन या ऑक्सीफ्लोरोफेन के छिड़काव की सलाह दी है। खरपतवार उगने पर बिसफिरिबैक सोडियम का उपयोग करने को कहा गया है।

जागरण संवाददाता, लखीसराय। अच्छी पैदावार के लिए धान की फसल से समय पर खरपतवार निकालना बहुत जरूरी है। सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण) रीमा कुमारी ने किसानों को सलाह दी कि अगर समय रहते खरपतवार पर नियंत्रण नहीं किया गया तो इससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि धान की रोपाई के तीन दिनों के अंदर ब्यूटाक्लोर 50 प्रतिशत ईसी की 2.5 लीटर या प्रेटिलाक्लोर 50 प्रतिशत ईसी की 1.25 लीटर मात्रा को पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की सतह पर छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव के समय खेत में हल्का पानी होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अगर जीरो टिलेज, सीड ड्रिल या पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की सीधी बुआई की गई है तो तीन से पांच दिनों के अंदर 2.5 लीटर पेंडीमेथालिन या 650 मिली ऑक्सीफ्लोरोफेन प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
आगे कहा कि धान में खरपतवार उगने की स्थिति में बिसफिरिबैक सोडियम की 200 मिली मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 15 से 20 दिनों के अंदर खेतों में छिड़काव करना चाहिए।
रीमा कुमारी ने यह भी कहा कि खरपतवारनाशक का प्रयोग निर्धारित समय पर ही करना चाहिए तथा छिड़काव के लिए फ्लैट फैन नोजल या फ्लड जेट नोजल का प्रयोग अधिक प्रभावी होता है।
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