Bihar News: सीमांचल हो या पूर्वी बिहार, यहां हर जगह फर्जी आधार... झारखंड कनेक्शन भी आया सामने, काम कर रहा बड़ा नेटवर्क
Bihar News बिहार के लखीसराय साइबर थाने की पुलिस ने फर्जी आधार रैकेट मामले में जांच तेज कर दी है। आइडी-पासवर्ड के स्रोत की तलाश की जा रही है। साइबर थाना की टीम ने झारखंड समेत कई अधिकृत केंद्रों के कनेक्शन खंगाले हैं। यहां कई जगहों से पकड़े जा रहे फर्जी आधार कार्ड से नेटवर्क के विस्तार की आशंका भी बलवती है।
मुकेश, लखीसराय। Bihar News पूूर्व बिहार हो या सीमांचल, हर जगह फर्जी आधार कार्ड के मामले सामने आ रहे हैं। किशनगंज में तो कई बार घुसपैठिये या बांग्लादेशी फर्जी आधार कार्ड के साथ पकड़े जा रहे हैं। भागलपुर में पाकिस्तान से आई एक महिला के शिक्षा विभाग में नौकरी करने की बात सामने आई है। ऐसे में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले रैकेट के विरुद्ध गहनता से जांच आवश्यक है।
इस काम में केंद्रीय एजेंसियों की भी सहायता ली जानी चाहिए। एक चिंताजनक बात यह सामने आ रही है कि फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों द्वारा आधार केंद्रों की आइडी व पासवर्ड के उपयोग की बात कही जा रही है। पुलिस की जांच चल रही है, लेकिन कितनी बड़ी मछलियां पकड़ में आती हैं, यह देखने वाली बात होगी।
लखीसराय में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, आधार और अन्य सरकारी दस्तावेज बनाने वाले रैकेट के भंडाफोड़ के बाद साइबर थाना पुलिस अब नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। फोटो स्टेट दुकान से दो आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को शक है कि इसमें अधिकृत आधार केंद्र या आरटीपीएस काउंटर से जुड़ा कोई व्यक्ति भी शामिल हो सकता है, क्योंकि बिना आइडी और पासवर्ड के इस तरह का कार्य संभव नहीं है।
झारखंड कनेक्शन की पड़ताल
गिरफ्तार आरोपित सौरव कुमार और रोहित से मिले दस्तावेज व उपकरणों से झारखंड के गोड्डा सदर अस्पताल सहित कुछ अधिकृत केंद्रों की आइडी व पासवर्ड इस्तेमाल होने के संकेत मिले हैं। पुलिस अब इसकी तकनीकी जांच करा रही है। साइबर थाना की टीम दस्तावेज खंगालने के साथ-साथ यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपित किसकी आइडी और पासवर्ड का उपयोग करता था। सूत्रों के अनुसार, सौरव पहले थाना चौक के पास अधिकृत आधार केंद्र संचालित करता था, लेकिन उसकी आइडी-पासवर्ड बाद में कैंसिल कर दी गई। बावजूद, वह फोटोस्टेट दुकान की आड़ में एडिट कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का काम करता रहा।
बड़ा नेटवर्क होने की आशंका
पुलिस मान रही है कि यह सिर्फ पैसों के लिए किया जा रहा व्यक्तिगत खेल नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक संगठित नेटवर्क भी सक्रिय हो सकता है। जन सेवा केंद्र और बसुधा केंद्र संचालकों का कहना है कि यदि किसी अधिकृत व्यक्ति के आइडी पासवर्ड पर फर्जी दस्तावेज तैयार हो रहे हैं तो उस व्यक्ति की मिलीभगत की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। फिलहाल पुलिस आरोपियों के मोबाइल, लैपटाप और जब्त किए गए दस्तावेजों की गहन जांच कर रही है। जल्द ही इस रैकेट से जुड़े और चेहरों का खुलासा हो सकता है। लखीसराय में ही एक व्यक्ति के आधार नंबर पर किसी दूसरे व्यक्ति का नाम दिख रहा था। उसने शपथ पथ के माध्यम से घोषणा की कि उक्त आधार कार्ड उसका ही है।
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