Lakhisarai Crime: वाह रे सिस्टम! क्लर्क है फरार... पर वेतन दिलाने के लिए लगाया जा रहा झुगाड़, गंदी करतूत के आरोपी की तलाश तेज
शिक्षा विभाग की पूर्व अधिकारी के यौन शोषण के आरोपी क्लर्क कमाल अशरफ फरार है पर उसे स्कूल में उपस्थित दिखाकर वेतन भुगतान का प्रस्ताव भेजा गया है। पीड़िता ने उस पर यौन शोषण धर्म परिवर्तन और प्रताड़ना का आरोप लगाया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है लेकिन वह अभी भी फरार है और विभाग उसका साथ दे रहा है।

सुमन कुमार सुमन, लखीसराय। शिक्षा विभाग की पूर्व अधिकारी का यौन शोषण करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का आरोपी क्लर्क कमाल अशरफ फरार है, लेकिन पब्लिक हाई स्कूल सूर्यगढ़ा की प्रभारी प्रधानाध्यापिका निशा कुमारी ने जून 2025 में उसे स्कूल में उपस्थित दिखाकर उसके वेतन भुगतान के लिए शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा है।
इधर, पुलिस लगातार उसकी तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी करने का दावा कर रही है। दूसरी ओर क्लर्क कानून की धज्जियां उड़ा रहा है और विभाग उसका साथ दे रहा है।
पीड़िता ने सूर्यगढ़ा थाने में 12 अप्रैल 2025 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि कमाल अशरफ ने 13 वर्षों तक उसका यौन शोषण किया, जबरन धर्म परिवर्तन कराया, नमाज पढ़वाई, गोमांस खाया और दूसरे शिक्षक से शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रताड़ित किया।
उसने प्राथमिक विद्यालय मकतब बालगुदर के शिक्षक इब्राहिम अहमद उर्फ शमशाद आलम पर भी यौन शोषण में शामिल होने का आरोप लगाया है।
ग्रीष्म अवकाश के बावजूद दर्ज की गई उपस्थिति
विद्यालय में 13 व 14 अप्रैल को अवकाश था। लिपिक 15 अप्रैल से 22 मई तक मेडिकल अवकाश पर था। न्यायालय ने 28 मई से 12 जून तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, लेकिन वह 13 जून से फरार है। इसके बावजूद उसे जून 2025 में विद्यालय में उपस्थित दिखाया गया है।
विभागीय नियम के अनुसार जून माह के वेतन भुगतान के लिए 21 मई से 20 जून तक की अनुपस्थिति विवरणी भेजी जाती है। ऐसे में या तो लिपिक की फर्जी उपस्थिति 23 मई से 27 मई तथा 13 जून से 20 जून तक दर्ज की गई है या फिर पुलिस की छापेमारी महज औपचारिकता है।
विद्यालय में 2 जून से 22 जून तक ग्रीष्म अवकाश था। लेकिन नियम के अनुसार इन दिनों में भी प्रधानाध्यापक व लिपिक को विद्यालय में उपस्थित रहकर कार्य संपादित करना है।
पुलिस छापेमारी व विभागीय कार्रवाई का दावा
सूर्यगढ़ा थाना प्रभारी भगवान राम ने बताया कि कमाल अशरफ की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। अगर वह स्कूल पहुंचा था तो हेडमास्टर को इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए थी।
इधर, स्थापना शाखा के नवपदस्थापित डीपीओ दुर्गेश यादव ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि तीन माह पहले तक कमाल अशरफ शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा में प्रतिनियुक्त थे।
स्कूलों में असैनिक कार्यों को लेकर स्थापना शाखा में भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आने के बाद उनकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर उन्हें उनके मूल विद्यालय पब्लिक हाई स्कूल सूर्यगढ़ा भेज दिया गया था। उन्होंने चार अप्रैल को स्कूल में कार्यभार ग्रहण किया था।
इसके बाद वे स्कूल से फरार हो गए। इसके अलावा लखीसराय थाने में एक सप्ताह पहले उनके खिलाफ स्कॉर्पियो वाहन चोरी का मामला भी दर्ज है।
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