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    किशनगंज को लोगों को PM मोदी देंगे सौगात, ठाकुरगंज को मिलेगा जंक्शन का दर्जा; देश के अन्य हिस्सों से जुड़ेगा स्टेशन

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को अररिया-गलगलिया रेलखंड का उद्घाटन करेंगे जिससे ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा मिलेगा। अंग्रेजी शासनकाल में यह स्टेशन दार्जिलिंग - हिमालयन नैरो गेज रेलमार्ग से जुड़ा था। इस रेलखंड के शुरू होने से ठाकुरगंज देश के कई हिस्सों से सीधा जुड़ जाएगा और सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।

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    ठाकुरगंज को मिलेगा जंक्शन का दर्जा। (फोटो जागरण)

    संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज)। 15 सितंबर का दिन ठाकुरगंज और पूरे सीमांचल क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अररिया-गलगलिया रेलखंड का उद्घाटन करेंगे। इस उद्घाटन के साथ ही ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा प्राप्त होगा।

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    ठाकुरगंज रेलवे का रहा है गौरवशाली इतिहास

    ठाकुरगंज का रेलवे इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। अंग्रेजी शासनकाल में यह स्टेशन दार्जिलिंग - हिमालयन नैरो गेज रेलमार्ग से जुड़ा था। इसके बाद वर्ष 1949 में असम रेलवे लिंक प्रोजेक्ट के तहत यह मीटर गेज से बिहार, बंगाल, असम और पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़ गया।

    लंबे समय तक यह स्टेशन असम जाने वाले यात्रियों के लिए प्रमुख मार्ग बना रहा। हालांकि, बाद में तत्कालीन रेलमंत्री व मालदा के सांसद गनी खान चौधरी ने अलुआबाड़ी रोड - एनजेपी होते हुए असम के लिए नया रेलखंड तैयार करवाया, तो ठाकुरगंज की महत्ता थोड़ी घट गई।

    इसके बावजूद यह स्टेशन सीमांचल क्षेत्र की कनेक्टिविटी में हमेशा से अहम भूमिका निभाता रहा। वर्ष 2011-12 में अमान परिवर्तन के बाद जब यह ब्राडगेज से जुड़ा, तो इसकी उपयोगिता दोबारा बढ़ी और आज यह जंक्शन बनने की दहलीज पर खड़ा है।

    उपलब्धि हासिल करने में करना पड़ा 19 वर्षों का इंतजार

    हालांकि, यह उपलब्धि दो दशक पूर्व ही मिल जाता। यदि वर्ष 2006 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा की गई इस रेलखंड का शिलान्यास के साथ ही कार्य शुरू कर दिए जाते तो 19 वर्षों का इंतजार नहीं करना पड़ता।

    करीब 11 वर्षों तक यह परियोजना ठप रही। 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इसे पुनर्जीवित किया और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। 2019 से निर्माण कार्य ने गति पकड़ी और अब यह चालू होने वाली है।

    अररिया–गलगलिया रेलखंड के शुरुआत से सामरिक दृष्टिकोण से ठाकुरगंज का होगा विशेष महत्व

    अररिया–गलगलिया रेलखंड की लंबाई 110 किलोमीटर है और इसके शुरू होते ही ठाकुरगंज देश के कई हिस्सों से सीधा जुड़ जाएगा और ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के साथ - साथ सीमांचल व मिथिलांचल को जोड़ने की एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करेगा।

    सामरिक दृष्टि से भी ठाकुरगंज का विशेष महत्व होगा, क्योंकि देश के चिकन नेक कहे जाने इस क्षेत्र के केंद्र में ठाकुरगंज ही हैं और यहां से एयर डिस्टेंस में पश्चिम दिशा में तीन किमी पर नेपाल देश हैं तो पूरब दिशा में 20 किमी की दूरी पर बांग्लादेश अवस्थित हैं।

    बताते चलें कि जंक्शन वह रेलवे स्टेशन होता है जहां दो या अधिक रेलमार्ग मिलते हैं और अलग-अलग दिशाओं में ट्रेनों का संचालन संभव होता है। ऐसे स्टेशन यात्रियों और मालगाड़ियों दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं, क्योंकि यहां से ट्रेनें अपनी दिशा बदल सकती हैं और विभिन्न रूटों पर आसानी से गंतव्य तक पहुंच सकती हैं।

    ज्ञात हो कि सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी रेलखंड अंतर्गत ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन होकर प्रत्येक दिन 10 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं और 15 सितंबर को उद्घाटन के बाद अररिया-गलगलिया रेलखंड अंतर्गत ठाकुरगंज होकर भी कई ट्रेनें गुजरेगी।