Nepal Helpline Number: नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी, एसएसबी करेगी मदद
किशनगंज के गलगलिया से मिली खबर के अनुसार नेपाल में हालात सामान्य होने पर एसएसबी ने वहां फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। रानीडांगा सेक्टर हेडक्वार्टर द्वारा शुरू की गई इस 24 घंटे की सेवा का नंबर 1903 है। भद्रपुर-गलगलिया सीमा नाका खुल गया है लेकिन काकरभिट्टा-पानीटंकी बॉर्डर अभी भी बंद है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

संवाद सूत्र, गलगलिया (किशनगंज)। सीमावर्ती नेपाल में स्थिति सामान्य हो गई है। लोग नेपाल आने व जाने भी लगे हैं। इधर, एसएसबी ने नेपाल में फंसे लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। एसएसबी सेक्टर हेडक्वार्टर रानीडांगा द्वारा बताया गया कि नेपाल में फंसे भारतीयों की मदद अब की जा रही है।
24 घंटे हेल्पलाइन सेवा शुरू की गई है। जारी किए गए हेल्पलाइन 1903 पर कॉल करने के बाद एसएसबी उन्हें मदद करेगी। यह सेवा नेपाल से लगने वाली सीमा उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल व बिहार के लिए है।
सेक्टर हेडक्वार्टर रानीडांगा के डीआईजी एकेसी सिंह ने बताया कि इस सेवा में सिर्फ एक कॉल करके अपनी स्थिति साझा करना है। एसएसबी की टीम तुरंत कार्रवाई करेगी और संबंधित राज्य के पुलिस प्रशासन से मिलकर राहत एवं सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कहा कि यदि आपका कोई स्वजन या परिचित नेपाल में फंसे हैं और भारत आना चाह रहा है तो तुरंत इस हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। सशस्त्र सीमा बल उनकी सहायता के लिए सीमा पर खड़ी है।
उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश क्षेत्र के लिए 0522-2728816 एवं 0522- 2986857 यह नंबर भी हेल्पलाइन के लिए दिया गया है। उन्होंने बताया कि एसएसबी हर परिस्थिति में लोगों की सेवा के लिए तत्पर है।
पूरी तरह खुला भद्रपुर-गलगलिया बॉर्डर, काकरभिट्टा-पानीटंकी नाका अब भी बंद
नेपाल में हुए आंदोलन के बाद सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) द्वारा बंद किया गया भद्रपुर-गलगलिया सीमा नाका अब खोल दिया गया है। हालांकि, झापा जिले का दूसरा बड़ा व्यापारिक मार्ग काकरभिट्टा (नेपाल)- पानीटंकी (भारत) बॉर्डर अभी भी पूरी तरह से बंद है, जिससे स्थानीय लोगों और व्यवसायियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
भद्रपुर बॉर्डर पर भंसार कार्यालय सोमवार से खुल जाने की घोषणा से अब चार पहिया वाहन भी नेपाल आवाजाही कर सकेंगे। बॉर्डर खुलने के बाद भी लोगों को आसानी नहीं हो रही। पहले जहां सामान्य लोग केवल पहचान पत्र दिखाकर आसानी से आवाजाही करते थे, वहीं अब एसएसबी ने सख्त नियम लागू कर दिए हैं।
पैदल यात्री और दोपहिया वाहन चालकों को बॉर्डर पर रोका जा रहा है, उनका परिचय पत्र चेक कर रजिस्टर में नाम दर्ज किया जा रहा है। भारत में प्रवेश करते समय भी नाम लिखाना पड़ता है और वापस नेपाल आने पर भी।
स्थानीय नेपाली नागरिक विजय गुरुड़ ने बताया कि नाम दर्ज कराने में ही आधा घंटा लग जाता है। बॉर्डर खुला तो है, लेकिन आम नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है। कई लोग लंबी लाइन देखकर वापस लौट जा रहे हैं। वहीं काकरभिट्टा (नेपाल) – पानीटंकी (भारत) बॉर्डर अब भी बंद होने से भद्रपुर - गलगलिया बॉर्डर पर भीड़ और बढ़ गई है।
काकरभिट्टा नाका पांच दिन से बंद
दूसरी ओर, काकरभिट्टा सीमा नाका पिछले पांच दिनों से पूरी तरह बंद है। स्थानीय नेपाली नागरिक प्रवीण अधिकारी के अनुसार, भारत से सिर्फ पेट्रोलियम टैंकर को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है, जबकि अन्य सभी सामान और यात्री यातायात पूरी तरह बंद है।
उन्होंने कहा कि आगामी त्योहार नजदीक आ रहा है, ऐसे समय में नाकों पर रौनक बढ़नी चाहिए थी, लेकिन काकरभिट्टा क्षेत्र पिछले पांच दिनों से सुनसान पड़ा है।
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