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    जिला उद्योग केंद्र के सेवानिवृत प्रभारी जीएम पर वित्तीय अनियमितता का आरोप

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:16 AM (IST)

    - प्रभारी जीएम ने विभागीय कार्रवाई के लिए सचिव को लिखा पत्र संवाद सहयोगी किशनगंज जिला ...और पढ़ें

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    जिला उद्योग केंद्र के सेवानिवृत प्रभारी जीएम पर वित्तीय अनियमितता का आरोप

    - प्रभारी जीएम ने विभागीय कार्रवाई के लिए सचिव को लिखा पत्र संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिला उद्योग केन्द्र किशनगंज के तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक के विरुद्ध वित्तीय कार्य में अनियमितता बरतने को लेकर जिला उद्योग केंद्र के द्वारा विभागीय कार्रवाई के लिए उद्योग विभाग के सचिव को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा जिलाधिकारी आदित्य प्रकाश को भी इस मामले से अवगत कराया गया है।

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    सचिव को दिए गए पत्र में कहा गया है कि देव कुमार गुप्ता जिला उद्योग केंद्र, किशनगंज में परियोजना प्रबंधक पद पर कार्यरत थे। जो महाप्रबंधक के पदस्थापना नहीं होने के कारण प्रभारी महाप्रबंधक के तौर पर पांच जनवरी 2019 से 30 अप्रैल 2020 तक पद पर रहते हुए 30 अप्रैल 2020 को ही सेवा निवृत हो गए। उनके सेवा निवृत के उपरांत विभागीय अधिसूचना के अनुपालन में अधोहस्ताक्षरी द्वारा दिनांक चार मई 2020 को जिला उद्योग केंद्र, किशनगंज का अतिरिक्त प्रभार संजय कुमार वर्मा को मिला। पदभार ग्रहण के बाद कार्यालय निरीक्षण के क्रम में बिदुवार त्रुटियां पाई गई। जिसमें यह पाया गया कि सरकार के द्वारा लॉकडाउन के घोषणा के पूर्व ही 21 मार्च 2020 को सेवानिवृत प्रभारी महाप्रबंधक देव कुमार गुप्ता अनाधिकृत रूप से बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़कर चले गए। इसके अलावा उनके द्वारा बाहर जाने का कार्यालय को कोई सूचना नहीं दिया गया। इसके अलावा सीएफएमएस प्रणाली के विरुद्ध कार्यालय में उच्च वर्गीय लिपिक के पदस्थापन के बावजूद डाटा एंट्री ऑपरेटर मेकर बनाया गया।

    कार्यालय संबंधित सीएमएससीएसटी, पीएमईजीपी, सीएफएमएस एवं कार्यालय का ई-मेल आईडी का पासवर्ड तथा सरकारी मोबाइल सेवानिवृति के उपरांत भी कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके अलावा पदस्थापना काल से ही कार्यालय में रह रहे थे। साथ ही अपने साथ बगल के कमरा में उच्च वर्गीय लिपिक सत्येंद्र कुमार को रखे हुए थे। कार्यालय में रहने के बावजूद दोनों के द्वारा नियमित रूप से आवासीय भत्ता लिया गया है, जो जांच का विषय है। इसके अलावा कार्यालय के सरकारी बैंक खाता के स्टेटमेंट में शेष बैलेंस 5,000 है जो किस मद का है स्पष्ट नहीं है। जबकि खाता में बैलेंस शून्य होना चाहिए। कार्यालय के पंजी में दो दो पेज छोड़ कर पत्र निर्गत किया गया है। आगत पंजी संधारण नहीं किया गया है। इसके अलावा आदि त्रुटि पाया गया है।