बिहार में PFI का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गिरफ्तार, शिक्षक बन करता था संगठन का काम
किशनगंज में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े एक संदिग्ध युवक महबूब आलम नदवी को गिरफ्तार किया है। कटिहार निवासी नदवी 2025 से किशनगंज में रह रहा था और एक निजी स्कूल में शिक्षक था। उस पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। एनआईए उससे पूछताछ कर रही है और उसके किशनगंज संपर्कों की जांच कर रही है।

संवाद सहयोगी,किशनगंज। पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े एक संदिग्ध युवक को शहर के हलीम चौक से एनआइए की टीम ने किशनगंज पुलिस के सहयोग से हिरासत में लिया है। संदिग्ध कटिहार जिला के हसनगंज प्रखंड के राहपुर बंशीबाड़ी निवासी महबूब आलम नदवी (39) से टीम पूछताछ कर रही है। वह मार्च 2025 से किशनगंज में रह रहा था।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में पटना के फुलबारीशरीफ थनाना में दर्ज हुए एक केस में उसका नाम सामने आया था। शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि पीएफआई के सदस्य आतंकी गतिविधियां चलाने, हथियारों का प्रशिक्षण देने व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे। जिसके बाद बिहार पुलिस ने केस को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था।
बताया जा रहा है कि हिरासत में लिया गया युवक महबूब आलम नदवी पूर्व में बिहार राज्य पीएफआई का अध्यक्ष भी रह चुका था। वह 2013 में इस फ्रंट से जुड़ा था। किशनगंज आने के बाद एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत था।
फुलवारी शरीफ मामले के केस में नाम आने के बाद वह ओमान चला गया था और दो वर्षों तक ओमान में रहा। फिर वापस भारत आकर किशनगंज में रहने लगा। पकड़ाए पीएफआई के संदिग्ध युवक के तार किशनगंज में किस-किस से जुड़ा है इसकी भी जांच एनआईए कर रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह आशंका जताई जा रही है कि स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य के साथ-साथ प्रतिबंधित संगठन का किशनगंज में मोर्चा संभाल रहा था। इसके संपर्क में कौन-कौन है और क्या गतिविधि है इसकी जांच की जा रही है। जिस निजी स्कूल में काम कर रहा था वहां भी टीम पूछताछ कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि इस केस में अब तक 17 लोगों पर आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है। इस मामले के एक आरोपी को इसी वर्ष दिल्ली हवाई अड्डा के समीप पकड़ा गया था।
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