PFI के पूर्व अध्यक्ष से NIA की पूछताछ जारी, नदवी के कॉल रिकॉर्ड को खंगाल रही है टीम
किशनगंज के हलीम चौक से गिरफ्तार PFI के पूर्व अध्यक्ष महबूब आलम नदवी से NIA तीन दिनों से पूछताछ कर रही है। 2022 में टेरर फंडिंग मामले के बाद से वह फरार था और किशनगंज के एक स्कूल में शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियां उससे फंडिंग यात्राओं और शरजील इमाम से संबंधों के बारे में पूछताछ कर रही हैं।

संवाद सहयोगी, किशनगंज। शहर के हलीम चौक से गिरफ्तार पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महबूब आलम नदवी से एनआईए की टीम लगातार तीन दिनों से सदर थाना में पूछताछ की। इस दौरान कुछ अहम खुलासे हुए हैं। हालांकि, टीम इस संबंध में कुछ भी नहीं बता रही है।
जानकारी के पटना के फुलवारी शरीफ में 2022 में एनआइए की टीम के द्वारा टेरर फंडिंग को लेकर बड़ा खुलासा किया गया था। जिसके बाद से नदवी फरार था उसकी गिरफ्तारी नाटकीय ढंग से पुलिस के द्वारा की गई।
नदवी बीते अप्रैल महीने से किशनगंज शहर के हलीम चौक स्थित फातमा गर्ल्स स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य कर रहा था। विद्यालय सूत्रों की माने तो यहां वो बच्चियों को उर्दू पढ़ाता था एवं अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं से उसने पूरी तरह दूरी बना कर रखता था।
फंड को लेकर की जा रही पूछताछ
अब सुरक्षा एजेंसियां उससे गहन पूछताछ कर रही है। सूत्र बताते है कि सुरक्षा एजेंसियां बीते तीन सालों में नदवी कहां-कहां गये और किस-किस से उसने मुलाकात की इसकी जानकारी ले रही है। यह भी जानकारी ली जा रही है कि बिहार में संगठन के विस्तार हेतु कहां से फंड आता था।
सुरक्षा एजेंसियां उसके मोबाइल का कॉल रिकॉर्ड को भी खंगालने में जुटी हुई है। साथ ही वो किशनगंज जिले में किससे मिलता था और उसने किशनगंज जिले में संगठन विस्तार के लिए क्या योजना बना रखी थी इसपर गहन पूछताछ की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एजेंसी उसके और शरजील इमाम के बीच संबंध, बांग्लादेशियों से जुड़ाव के संबंध में भी पूछताछ की है। लेकिन कहा जा रहा है कि उसने अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है।
सूत्रों की मानो तो शहर के मोहिद्दीनपुर में ही महबूब आलम नदवी का एक भाई रहता है और ठेकेदारी का काम करता है। मूल रूप से कटिहार जिले का निवासी नदवी का पासपोर्ट कैसे बना और वो किसकी मदद से ओमन गया, इसकी भी जांच की जा रही है।
चर्चाओं का बाजार गर्म
हालांकि, सारे मामले का खुलासा एनआईए द्वारा पूछताछ के बाद ही हो पाएगा। लेकिन इतने दिनों से नदवी किशनगंज में रह रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी इसे लेकर चौक-चौराहे पर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
नदवी स्कूल में सिर्फ 9 हजार रुपये के मासिक वेतन पर कार्य कर रहा था लेकिन उसका रहन सहन रईसों जैसा था। सूत्रों की मानो तो एनआईए की टीम पूछताछ के बाद नकवी को अपने साथ दिल्ली ले जा सकती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।