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    गर्भवती महिलाओं को अब नहीं भटकना पड़ेगा, किशनगंज में 9 उपस्वास्थ्य केंद्रों में शुरू हुई प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व की पहल

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 02:48 AM (IST)

    किशनगंज में गर्भवती महिलाओं को अब भटकना नहीं पड़ेगा। जिले के 9 उपस्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत की गई है। इस पह ...और पढ़ें

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    किशनगंज में गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित मातृत्व अभियान शुरू। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, किशनगंज। जिले में गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व पहल नौ अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्रों में भी मंगलवार से शुरू किया गया है।

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    इस कदम का प्रमुख उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को नजदीक ही सभी प्रसव पूर्व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना, जोखिम की प्रारंभिक पहचान को आसान बनाना है। अब इन उप केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को वजन जांच, रक्तचाप परीक्षण, मधुमेह जांच, हीमोग्लोबिन परीक्षण, टीकाकरण, पोषण परामर्श और परिवार नियोजन संसाधन उपलब्ध हो सकेगा।

    कोचाधामन में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार द्वारा शुभारंभ किया गया। अन्य प्रखंडों में भी संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों की उपस्थिति में आयोजन हुआ। महिलाओं का पंजीकरण, स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण जानकारी तथा प्रसव पूर्व उपचार संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई गई।

    डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्धारित किया गया है कि प्रत्येक माह की नौ, पंद्रह और इक्कीस तारीख को जिले के सभी सम्बद्ध स्वास्थ्य केंद्रों पर सुरक्षित मातृत्व शिविर आयोजित किए जाएंगे।

    यह व्यवस्था गर्भावस्था की निरंतर निगरानी और किसी भी संभावित जटिलता की प्रारंभिक पहचान के लिए अत्यंत प्रभावी है। डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य समिति ने आज के कार्यक्रम के लिए निरीक्षण दल का गठन किया है। यह दल आज तथा आगामी शिविर तिथियों को भी उपस्वास्थ्य केंद्रों और अन्य संस्थानों में जाकर निरीक्षण करेगा।

    सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले के नौ अतिरिक्त उपस्वास्थ्य केंद्रों में कार्यक्रम की शुरुआत एक बड़ा कदम है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।

    जिला पदाधिकारी ने अपने संदेश में कहा कि यह कार्यक्रम मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी गर्भवती महिला जांच, उपचार या परामर्श से वंचित न रहे।