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    ICAR PhD प्रवेश परीक्षा में तन्मय को मिला देश में दूसरा स्थान, ग्रीन हाइड्रोजन पर करेंगे रिसर्च

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 02:35 PM (IST)

    ठाकुरगंज के तन्मय मंडला ने शिक्षा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने आईसीएआर की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में पूरे भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्हें ग्रीन हाइड्रोजन रिसर्च के लिए चुना गया है जो भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। उनके पिता प्राकृतिक चिकित्सालय चलाते हैं जिससे कई लोगों को लाभ मिला है। उनकी सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर है।

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    तन्मय मंडेला को सम्मानित करते सुविमो अध्यक्ष ताराचंद धानुका।

    संवाज सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज)। प्रखंड के पिपरीथान गांव से जुड़े डॉ. सरजू मंडला और डॉ. नीलम वर्मा मंडला के बड़े पुत्र तन्मय मंडला ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। उदयपुर से एमटेक (एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग एंड फूड इंजीनियरिंग) की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा में पूरे भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया।

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    इतना ही नहीं, इंफाल केंद्र की प्रवेश परीक्षा में तन्मय ने प्रथम स्थान हासिल कर अपनी प्रतिभा परचम लहराया। उनके पिता कई वर्षों से प्राकृतिक चिकित्सा और योग की परंपरा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।

    ठाकुरगंज प्रखंड स्थित पिपरीथान में राज्य का सबसे बड़ा आवासीय प्राकृतिक चिकित्सालय खोलकर हजारों रोगियों को निरोग जीवन दिया है। इस चिकित्सालय ने न केवल लोगों के स्वास्थ्य में सुधार किया, बल्कि समाज में प्राकृतिक चिकित्सा और योग को मुख्यधारा में लाने की कोशिश की।

    तन्मय की इस उपलब्धि के बाद उन्हें भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ग्रीन हाइड्रोजन रिसर्च के लिए सिक्किम स्थित कालेज आफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एंड पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी, गंगटोक में प्रवेश मिला है। इस शोध कार्य के दौरान उन्हें भारत सरकार की रिसर्च फैलोशिप भी प्राप्त होगी।

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य की स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा का स्तंभ है। इस पर होने वाला शोध भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

    तन्मय मंडला की इस उपलब्धि से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में उनका योगदान देश की ऊर्जा नीति और वैज्ञानिक शोध को नई दिशा देगा।

    तन्मय की सफलता पर उनके परिजन, ग्रामीण और शैक्षणिक जगत के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। सूरजापुरी विकास मोर्चा के अध्यक्ष ताराचंद धानुका ने कहा कि बिहार के लिए प्रेरणादायक है।