किशनगंज ने यू-विन पोर्टल पर राज्य में फिर किया टॉप, 41,817 लाभार्थियों को सितंबर में लगा टीका
किशनगंज जिले ने यू-विन पोर्टल पर लगातार दूसरी बार बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जिलाधिकारी विशाल राज ने बताया कि यू-विन पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण की डिजिटल ट्रैकिंग और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सराहना की। सितंबर माह में जिले में 41817 लाभार्थियों को टीका दिया गया।

संवाद सहयोगी, किशनगंज। नियमित टीकाकरण को वैश्विक स्तर पर लोक स्वास्थ्य का सबसे मजबूत आधार माना जाता है। यह शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को डिप्थीरिया, टेटनस, मीजल्स, पोलियो जैसी 12 से अधिक गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
समय पर दिया गया टीका न केवल मृत्यु दर को घटाता है बल्कि समाज में स्वस्थ पीढ़ी की नींव भी रखता है। भारत सरकार ने इसी उद्देश्य से यू-विन पोर्टल की शुरुआत की।
इसके माध्यम से टीकाकरण की डिजिटल ट्रैकिंग, रियल टाइम मॉनिटरिंग और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है।
यह आधुनिक तकनीक टीकाकरण की पारदर्शिता, गुणवत्ता और कवरेज बढ़ाने में क्रांतिकारी भूमिका निभा रही है। यह बातें जिलाधिकारी विशाल राज ने कही।
उन्होंने कहा कि इसी दिशा में उत्कृष्ट कार्य करते हुए किशनगंज जिला ने अगस्त के बाद सितंबर में भी पूरे बिहार में यू-विन पोर्टल पर प्रथम स्थान प्राप्त कर नया इतिहास रचा है।
यह लगातार दूसरा महीना है जब जिले ने राज्य में सर्वोच्च प्रदर्शन दर्ज किया है। यह बातें रविवार को सिविल सर्जन डा. राज कुमार चौधरी ने कही।
सिविल सर्जन डा. राज कुमार चौधरी ने बताया कि यू-विन पोर्टल ने स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता को नई दिशा दी है।
जिला प्रतिरक्षण टीम से लेकर एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाई है। हमने न केवल आंकड़ों में सुधार किया है बल्कि टीकाकरण की गुणवत्ता और निगरानी में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। किशनगंज की यह उपलब्धि पूरे राज्य के लिए प्रेरणा बनेगी।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि सितंबर माह में जिले ने कुल 2183 सत्रों में से 2117 सत्र आयोजित कर 97 प्रतिशत सत्र संचालन दर हासिल की।
इन सत्रों में कुल 41,817 लाभार्थियों को टीका दिया गया। इसमें 8,054 गर्भवती महिलाएं, 21,402 शिशु (0–1 वर्ष आयु वर्ग), 9,693 बच्चे (1 वर्ष से अधिक आयु वर्ग) और 2,668 किशोर-किशोरियां शामिल हैं।
कुल मिलाकर जिले में 1,17,021 डोज सफलतापूर्वक दी गईं। प्रति सत्र औसतन 19.75 लाभार्थी और 55.28 डोज दिए गए।
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