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    किशनगंज में फलफूल रहा नकली लॉटरी का कारोबार, करोड़पति बनने का सपना दिखाकर की जा रही ठगी

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 07:07 AM (IST)

    किशनगंज में लाटरी की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद नकली लाटरी का कारोबार जारी है। लाटरी माफिया लोगों को करोड़पति बनाने का सपना दिखाकर ठग रहे हैं। दीपावली के मौके पर सिंडिकेट ने भारी मात्रा में लाटरी का स्टॉक किया है। पुलिस ने कई बार नकली लाटरी बरामद की है लेकिन सख्त कानून के अभाव में तस्कर बच निकलते हैं। यह जाल सीमांचल और बंगाल तक फैला हुआ है।

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    स्कर दिखा रहे करोड़पति बनने का सपना, नकली लाटरी टिकट खरीद रहे लोग। फोटो जागरण

    अमरेंद्र कांत, जागरण, किशनगंज। बिहार में लाटरी की बिक्री प्रतिबंधित है। लेकिन सीमावर्ती जिला किशनगंज में इसपर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लग सका है। शहर से लेकर गांव तक जमकर लाटरी की खरीद-बिक्री का खेल जारी है।

    इसमें सक्रिय लाटरी माफिया लोगों को करोड़पति बनने का सपना दिखाकर नकली लाटरी टिकट बेचकर मालामाल हो रहे हैं। जबकि नकली लाटरी खरीदार कंगाल होते जा रहे हैं।

    लाृॉटरी खरीदारों को को नकली लाटरी होने की जानकारी भी मिलती है इसकी शिकायत नहीं कर पाते हैं। जिस कारण सक्रिय सिंडिकेट आसानी से इसका जाल फैला रहे हैं।

    दीपावली में किया जा रहा लॉटरी का स्टॉक

    दीपावली पर्व में अधिकांश जगहों पर जुएं का खेल होता है। इसी में लोग अपना किस्मत आजमाने के लिए लॉटरी की खरीदारी भी करते हैं, जिस कारण सक्रिय सिडिंकेट दीपावली में इसका बंपर स्टॉक कर रहे हैं।

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    सिंडिकेट के माध्यम से शहर से लेकर गांव तक लॉटरी बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। आलम यह है कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक हर चौक-चौराहा और बाजार में खुलेआम लॉटरी बेचा जा रहा है। तय ग्राहक को दुकान व प्रतिष्ठान एवं घरों तक लाटरी पहुंचाया जाता है।

    लॉटरी के प्रति लोगों की दिलचस्पी का फायदा ऐसे सक्रिय नकली लाटरी माफिया उठा रहे हैं। मई माह में पटना से आई एक बस से करोड़ों के नकली का लाटरी पुलिस ने बरामद किया था।

    इसी तरह अररिया में पटना से सिलीगुड़ी जा रही एक बस से करीब 16 लाख का नकली लाटरी बरामद किया गया था। इसी साल दालकोला में भी नकली लाटरी टिकट बरामद हुआ। गुलाबबाग में एक आटो से एक करोड़ से अधिक की लाटरी बरामद हुई थी। किशनगंज शहर में तीन माह में पांच जगहों से नकली लॉटरी की बरामदगी की गई।

    सिंडिकेट के सदस्यों को नकदी के साथ भी पकड़ा गया। लेकिन सख्त कानून नहीं रहने के कारण थाना से ही सिंडिकेट सदस्य नोटिस पर छूट गये। जिस कारण तस्करों का मनोबल कम होने के बदले बढ़ गया है।

    कई जगहों पर लाटरी की होती है छपाई

    नकली लाटरी का जाल किशनगंज ही नहीं बल्कि सीमांचल एवं बंगाल में फैला हुआ है। किशनगंज में तीन संगठित सिंडिकेट है। इस गोरखधंधा में शामिल सिंडिकेट के लोग नकली लाटरी मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम स्टेट की नकली लॉटरी प्रिंट कराकर मंगाते हैं और हर इलाके के लाटरी विक्रेताओं को सप्लाई देते हैं।

    पटना, मुजफ्फरपुर, किशनगंज ही नहीं कई जिलों में लॉटरी की छपाई कर मंगाई जाती है। सिर्फ मुनाफा होने के कारण ऐसे नकली लॉटरी की बिक्री जमकर हो रही है और यह अवैध धंधा बढ़ता जा रहा है। शहर के कई चौक-चौराहे पर अवैध रूप से दुकानों में चोरी-छिपे लाटरी बेचे जा रहे हैं।

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शहर के चूड़ीपट्टी, गुदरी बाजार दुर्गा मंदिर, इमामबाड़ा, फल चौक माल के समीप, पश्चिमपाली, घासपट्टी मस्जिद के निकट, सुभाषपल्ली, डे मार्केट, कसेरापट्टी, मछली पट्टी, गाछपाड़ा, गाड़ीबान मोहल्ला, कबीर चौक, केलटैक्स चौक, खगड़ा सहित अधिकांश चौक-चौराहे पर लाटरी की बिक्री होती है।

    लॉटरी लाने में बस एवं ट्रेन का सहारा लिया जाता है। बंगाल के विभिन्न क्षेत्र एवं पटना, मुजफ्फरपुर से नकली लॉटरी प्रिंट कर सप्लाई किया जाता है।