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    Bihar New Rail Line: अररिया-गलगलिया रेलखंड पर दौड़ी पहली ट्रेन, सीमांचल को मिली बड़ी सौगात

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 06:51 PM (IST)

    किशनगंज के ठाकुरगंज में अररिया-गलगलिया रेलखंड पर पहली बार ट्रेन चली। 110 किमी का यह रेलमार्ग सीमांचल को उत्तर बंगाल से जोड़ेगा जिससे यात्रा का समय और खर्च कम होगा। पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई जिसका लोगों ने तालियों से स्वागत किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही व्यापार भी सुगम होगा।

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    अररिया-गलगलिया रेलखंड पर दौड़ी पहली ट्रेन, सीमांचल को मिली बड़ी सौगात

    संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज)। सीमांचल के लिए सोमवार ऐतिहासिक दिन साबित हुआ। अररिया-गलगलिया रेलखंड पर पहली बार ट्रेन दौड़ी। दशकों से इस रेल मार्ग की प्रतीक्षा कर रहे सीमांचल के लोगों के लिए यह किसी उत्सव से कम नहीं रहा। स्वतंत्रता के 78 साल बाद आखिरकार इस इलाके को यह सौगात मिली।

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    रेलखंड की कुल लंबाई लगभग 110 किलोमीटर है और इसके शुरू होते ही अररिया, फारबिसगंज, जोगबनी और ठाकुरगंज क्षेत्र सीधे गलगलिया के रास्ते उत्तर बंगाल तथा देश के अन्य हिस्सों से जुड़ जाएंगे। इस नए रेलमार्ग से सीमांचल के लोगों की यात्रा का समय और खर्च दोनों कम होंगे। साथ ही, यह मार्ग व्यापार और उद्योग के लिए भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।

    इस दौरान ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत आने वाले पौआखाली, कादोगांव हाल्ट, भोगडाबर हाल्ट एवं ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन को दुल्हन की तरह सजाया गया था।

    स्थानीय लोगों को इस रेलखंड का पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा किए गए उद्घाटन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने के लिए रेलवे प्रशासन के द्वारा लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई थी। जैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी ने अररिया-गलगलिया रेलखंड में नई ट्रेन चलाने की हरी झंडी दिखाई वैसे ही मौके पर मौजूद लोगों ने तालियां बजा कर स्वागत किया।

    ठाकुरगंज नगर के वार्ड पार्षद अमित कुमार सिन्हा, राजेश करनानी, जयंत लाहिड़ी, खोखा सरकार, सुभाष यादव, मनमोहन साह, का कहना है कि अब तक सीमांचल के अधिकांश हिस्से रेल कनेक्टिविटी की कमी से जूझ रहे थे। जिसके कारण यहां के छात्र, व्यापारी और आम जनता को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता था। अब इस रेलखंड पर ट्रेन चलने से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों तक पहुंच आसान हो जाएगी।

    अररिया-गलगलिया रेलखंड सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। यह उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाला एक वैकल्पिक मार्ग बनेगा, जिससे सीमा सुरक्षा और आपूर्ति व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी। इस मौके पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की और इसे सीमांचल के विकास की नई इबारत बताया।