प्रखंड में बीपीआरओ का पद है रिक्त, योजनाओं के क्रियान्वयन पर असर
विकास योजनाओं से जुड़ा प्रखंड स्तर पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद बीपीआरओ यानी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी का पद पोठिया में रिक्त पड़ा हुआ है।
पोठिया (किशनगंज) : विकास योजनाओं से जुड़ा प्रखंड स्तर पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद बीपीआरओ यानी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी का पद पोठिया में रिक्त पड़ा हुआ है। जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन सहित विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वैसे पूरे किशनगंज जिला के सात प्रखंडों में से मात्र तीन प्रखंड दिघलबैंक, बहादुरगंज तथा कोचाधामन में ही बीपीआरओ पद पर पदस्थापना है। इसमें दिघलबैंक प्रखंड में सुमन सोरेन, बहादुरगंज प्रखंड में पीयूष चौधरी तथा कोचाधामन प्रखंड में जफर इकबाल बतौर बीपीआरओ कार्यरत हैं। लेकिन जिला के शेष चार प्रखंड पोठिया, ठाकुरगंज, टेढ़ागाछ तथा किशनगंज में बीपीआरओ का पद रिक्त पड़ा हुआ है और इस पद के प्रभार में फिलहाल संबंधित प्रखंड के बीडीओ अतिरिक्त प्रभार में हैं।
बीपीआरओ के पास पंचायत स्तर पर जुड़े तमाम विकास कार्य के साथ-साथ पंचायत समिति से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा भी इन्हीं के कंधों पर है। यही नहीं बीपीआरओ पंचायत समिति के बतौर कार्यपालक पदाधिकारी भी है यानी पंचायत समिति की बैठक के मुख्य कर्ता-धर्ता बीपीआरओ ही होते हैं, बावजूद इतने महत्वपूर्ण पद होने के बाद भी किशनगंज जिला के पोठिया सहित कुल चार प्रखंडों में यह पद रिक्त होने से परेशानी होना स्वभाविक है। कोचाधामन के बाद पोठिया 22 पंचायत वाला किशनगंज जिले का दूसरा सबसे बड़ा पंचायत वाला प्रखंड है। पंचायत की संख्या के आधार पर कोचाधामन प्रखंड के बाद पोठिया प्रखंड को बीपीआरओ पदस्थापना में बहादुरगंज तथा दिघलबैंक प्रखंड पर वरीयता मिलनी चाहिए थी। लेकिन पोठिया में बीपीआरओ की पदस्थापना नहीं की गई है। इसके इतर पोठिया से छोटे ब्लाक बहादुरगंज तथा दिघलबैंक में बीपीआरओ की पदस्थापना है। पोठिया प्रखंड सांसद डा. मोहम्मद जावेद तथा विधायक इजहारूल हुसैन का गृह प्रखंड है। सांसद का घर पोठिया प्रखंड के भोटाथाना पंचायत में है तो विधायक का घर इसी प्रखंड के दामलबाड़ी पंचायत में। दोनों कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। लेकिन गृह प्रखंड में बीपीआरओ का पद रिक्त पड़ा हुआ है। विधायक इजहारूल हुसैन ने कहा है कि बीपीआरओ यानी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी जो आज के समय में प्रखंड स्तर का बड़ा महत्वपूर्ण पद है, विकास कार्य इन्हीं के जिम्मे सरकार ने सौंप रखा है बावजूद पद का रिक्त रहना एक बड़ी समस्या है। यहां बीपीआरओ की पदस्थापना को लेकर पंचायती राज विभाग सहित विधानसभा में मामला उठाया गया है।
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