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    बुरा फंस गए सरकारी बाबू, नौकरानी ने बताई ऐसी बात उड़ गए हर किसी के होश! कोर्ट पहुंचा मामला

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 09:21 PM (IST)

    किशनगंज में उत्पाद अधीक्षक और उनकी नौकरानी के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। अधीक्षक ने नौकरानी पर पैसे उड़ाने का आरोप लगाया, जबकि नौकरानी ने दुष्कर्म के प्रयास का मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि नौकरानी को सरकारी खाते से वेतन दिया जाता था, जबकि उसने कभी कार्यालय में काम नहीं किया। पीड़िता ने सीसीटीवी फुटेज से जांच की मांग की है।

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    बुरा फंस गए सरकारी बाबू, नौकरानी ने बताई ऐसी बात उड़ गए हर किसी के होश! (AI Generated)

    संवाद सहयोगी, किशनगंज। उत्पाद अधीक्षक के घर में काम करने वाली नौकरानी को लेकर पिछले कई दिनों से जारी विवाद में नया मोड़ आ गया है। पहले उत्पाद अधीक्षक ने नौकरानी पर यूपीआई से 12 लाख रुपये उड़ाने का केस दर्ज कराया। जिसके बाद नौकरानी ने न्यायालय में उत्पाद अधीक्षक पर दुष्कर्म के प्रयास व मारपीट का परिवाद दायर किया।

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    अब इस प्रकरण में नई बात सामने आ गई है। उत्पाद अधीक्षक के घर में काम करने वाली नौकरानी व सरकारी राशि का भुगतान विभाग द्वारा किया जाता था। नौकरानी को उत्पाद अधीक्षक ने अपने सरकारी कार्यालय में दैनिक मजदूर के आधार पर साफ सफाई कर्मी के रूप में बहाल कर रखा था और सरकारी मद से बैंक खाते में चेक और अन्य माध्यम से भुगतान होता था।

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    अब सवाल उठता है जो नौकरानी घर में काम करती थी उसे उत्पाद अधीक्षक अपने सरकारी दफ्तर में साफ सफाई कर्मी कैसे रखे हुए थे। उनके नाम पर पैसा उठाकर उनके खाते में भुगतान कैसे हो जाता था। नौकरानी की माने तो कभी भी उन्होंने उत्पाद अधीक्षक कार्यालय या उत्पाद कार्यालय में साफ-सफाई की काम नहीं किया है, लेकिन इसके बाद भी मद्य निषेध विभाग के सरकारी खाते से उनके खाते पर भुगतान किया जाता था।

    आखिर क्या कारण है उत्पाद अधीक्षक घर में काम करने वाली नौकरानी को सरकारी खाते से पेमेंट करता था। नौकरानी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज खंगाल लेने से सारी सच्चाई सामने आएगी। महिला ने कहा, पूर्व में उत्पाद अधीक्षक अपने कार्यालय में बुलाकर एक रजिस्टर में उसे साइन करवाता था, लेकिन पूर्व के एक इंस्पेक्टर ने इसका विरोध किया। जिसके बाद से कामवाली को कार्यालय की जगह अपने घर में ही कागज में साइन करवाता था, जिसके बाद कामवाली के बैंक खाते में भुगतान की राशि आती थी।

    हालांकि, पीड़िता ने कहा कि कई बार हमने मना भी किया कि हम आपके सरकारी कार्यालय में साफ सफाई की काम नहीं करते हैं, लेकिन आप सरकारी खाते से हमारी पेमेंट करवाते हैं। हम आपके घर में काम करते हैं तो आप अपना पेमेंट कीजिए, लेकिन उन्होंने बार-बार बात को टाल दिया और कहा कि कुछ नहीं होगा। उत्पाद ऑफिस के सबसे बड़े साहब हम ही हैं, कौन क्या बोलेगा।

    महिला ने यह भी कहा कि उत्पाद अधीक्षक वीडियो कॉल कर परेशान भी करता था। कहीं भी जाने पर बार-बार वीडियो कॉल कर दिखाने खुद को दिखाने को कहता था। यदि वीडियो कॉल नहीं रिसीव करते तो काम से हटाने की धमकी देता था।

    पीड़िता ने बताया कि उत्पाद अधीक्षक कई बार उसे घुमाने के लिए बाहर जबरन ले गया। वहीं, पीड़िता ने किशनगंज न्यायालय में उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ परिवाद दायर किया है। न्यायालय ने गुरुवार को पीड़िता का बयान दर्ज किया है।

    इस पूरे मामले पर उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने कहा कि कामवाली उनके घर में काम करती थी। गरीब होने के कारण उन्हें अपने कार्यालय में साफ सफाई के लिए डेली बेसिस पर रखा था, जिसके बदले उसे पेमेंट दिया जाता था। हालांकि, दूसरी ओर कामवाली ने कहा है कभी भी कार्यालय में साफ सफाई का काम नहीं किया, चाहे तो सीसीटीवी की जांच करवा लें। उत्पाद अधीक्षक झूठ बोल रहे हैं।